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छत्तीसगढ़

अटूट बंधन व स्नेह के पर्व रक्षाबंधन पर दिखा उत्साह

कसडोल । भाई बहन के अटूट बंधन व स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार बुधवार को हर्षोल्लास से मनाया गया बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी दीर्घायु की कामना की । भाइयों ने भी अपनी बहनों की आजीवन रक्षा करने का संकल्प लिया ! बुधवार की सुबह होते ही लोगों की चहलकदमी शुरू हो गई । मिठाइयों और राखियों की दुकानों पर लोगों की भारी भीड़ जमा रही ! भाइयों ने भी अपनी बहन को उपहार देकर अपना फर्ज निभाया! दूर रहने वाली बहनों ने अपने भाइयों को ऑनलाइन और ऑफलाइन राखी भेजी । वहीं महंगाई पर पूरी तरह रक्षाबंधन का त्यौहार फीका रहा ऐसा कहना है भरत लाल और विष्णु साहू का कसडोल नगर में रक्षाबंधन का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास एवं उमंग से मनाया गया ! हालांकि सुबह से ही बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधना शुरू कर दिया था ! अधिकांश लोगों ने पंडितों के अनुसार सुबह 10 से 11 बजे और दोपहर डेढ़ बजे से शाम तक के शुभ मुहूर्त के अनुसार ही भाइयों की कलाई पर राखी बांधी ! रक्षाबंधन का त्यौहार बुधवार को धूमधाम के साथ मनाया गया ।
बहन भाई के प्रतीक इस त्यौहार को लेकर घर-घर में व्यापक तैयारियां की गई थी । बुधवार की सुबह लोग स्नान कर देवी -देवताओं की पूजा अर्चना की ।
इसके बाद बहनों ने अपने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांधकर जन्म जन्म तक सुख-दुख में साथ निभाने का वचन भाइयों से लिया । वही भाइयों ने भी बहनों को उपहार देकर हमेशा साथ निभाना का वादा किया ! इस दौरान मुंह मीठा करने का दौर भी जारी रहा ! घर के बड़े बुजुर्गों का पैर छूकर आशीर्वाद लिया गया , दोपहर में अधिकांश बहनों ने अपने भाईयों की कलाई पर राखी सजाई और उपहार पाकर अपनों के साथ खुशियां मनाई । सुबह से शुरू हुआ रक्षाबंधन का त्यौहार देर रात तक चलता रहा रक्षाबंधन पर सबसे ज्यादा उत्साहित बच्चे रहे । सुबह से ही भाई बहन इस त्यौहार को लेकर खुशी जाहिर करते नजर आए। इसके अलावा मिलने वाले उपहार का इंतजार बच्चों को रहा ! मनपसंद पकवान और घूमने जाने का मौका भी बच्चों के लिए रोमांच से भरा था । रक्षाबंधन पर सबसे ज्यादा खुश बच्चे ही नजर आए ।कसडोल नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भाई-बहन का पावन पर्व रक्षाबंधन धूमधाम से मनाया गया ! सावन महीने का आखिरी दिन होने की वजह से और राखी पूर्णिमा को लेकर सुबह से सभी भक्तों ने स्नान कर मंदिरों में पूजा अर्चना किया ! बहनों ने अपने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांधकर उन्हें मिठाई खिलाया ! भद्रा दोष को लेकर जो भ्रांतियां फैलाई गई उसे लोगों ने नकार दिया क्योंकि अलग-अलग पंडितों ने अलग-अलग अपने विचार जाहिर किए थे ! इस पवित्र त्यौहार में भी , राखी बांधने को लेकर पंडितों में एक राय नहीं थी ।

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