https://tarunchhattisgarh.in/wp-content/uploads/2024/03/1-2.jpg
छत्तीसगढ़

बच्चे की चोरी के लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार: महेश स्वर्ण

दंतेवाड़ा । दंतेवाड़ा थानाक्षेत्रांतर्गत पोंदुम पंचायत से आदिवासी परिवार के एक नवजात बच्चे का अपहरण का मामला अब पूरी तरह से गरमा गया है। एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी जब बच्चे व अपहरणकर्ताओं का कोई सूराग पुलिस नहीं जुटा पाई तो आदिवासी समाज आक्रोशित हो गया और पुलिस प्रशासन की नाकामी के खिलाफ लामबंद होते हुए शनिवार को एक दिवसीय दंतेवाड़ा बंद कर विशाल जनसमूह के साथ रैली निकालकर प्रशासन के नुमाइंदों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप आरोपियों की जल्द से जल्द ेिगरफतारी की मांग की। वहीं इस मामले में अब लेबर पार्टी ऑफ इंडिया भी मैदान में कुद पड़ी है। लेबर पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेशाध्यक्ष गीदम निवासी-महेश स्वर्ण ने घटना के लिए पुलिस को ही जिम्मेदार ठहराया है। श्री स्वर्ण ने कहा है कि जिस 6 माह के बच्चे का अपहरण अज्ञात युवकों द्वारा किया गया है वह बच्चा एक गरीब, बेबस, आदिवासी समाज का बच्चा है इसलिए पुलिस इस मामले में तेजी नहीं दिखाई अगर किसी बड़े रईस अथवा व्हीआईपी के घर से जुड़ा मामला होता तो अब तक हमारी पुलिस आसमान पाताल एक कर चुकी होती और आरोपी अब तक सलाखों के पीछे पहुंच चुके होते और बच्चा मां बाप के पास। श्री स्वर्ण ने कहा कि घटना के बाद वे स्वयं पोंदुम जाकर पीड़ित मां बाप से मिले हैं मां पर दुखों का पहाड़ टूट पडा है दुधमुंहा बच्चे को घर से दिन दहाड़े उठाकर ले जाना यह कोई छोटी मोटी वारदात नहीं है। इससे पूर्व जिले में कहीं भी इस तरह की घटना नहीं हुई है यह पहली दफा है जब अपहरण जैसी घटना शांत व छोटे जिले में भी अब बड़े शहरों की तर्ज पर होने लगे हैं। इसके लिए कोई और नहीं बल्कि पुलिस प्रशासन ही पूरी तरह से जिम्मेदार है। श्री स्वर्ण ने कहा कि बस्तर में 5वीं अनुसूची लागू है आदिवासी की जानमाल की रक्षा सुरक्षा एवं उनके मौलिक अधिकार को कोई आंच न आने पाए इसकी पूरी जवाबदेही शासन प्रशासन की है। लेकिन क्या असलियत में आदिवासियों को 5चवीं अनुसूची का लाभ मिल रहा है? इस आदिवासी बाहुल जिले में जिस तरह से दूसरे प्रदेशों से लोग बिना किसी रोक टोक के व्यापार करने आ रहे हैं जिनकी कोई पहचान प्रशासन के पास नहीं होती। कांड करके ये लोग यहां से फरार हो जाते हैं पुलिस लाठी पीटती रह जाती है अपराधी पकड़ में नहीं आते यही इस मामले में भी हुआ है। बाहर से आकर बाईकों में गैस चुल्हा रिपेयर, कुर्सी टेबल, गददा, सोफा कव्हर, साडी, कंवल बेचने एवं रिपेयर करने के बहाने ये लोग गांवों में घुसते हैं रेकी करते हैं और मौका मिलते ही घटना को अंजाम देकर भाग निकलते हैं। हमारी यही मांग है कि पुलिस इन घुमन्तु बाहरी तथाकथित व्यापारियों के विरूद्ध क्यों कोई अभियान नहीं चलाती है इनकी जांच पड़ताल पूर्व में ही क्यों नहीं की जाती? जब घटना हो जाता है तब ही पुलिस इन लोगों को थाने बुलाकर क्यों इनकी पहचान पत्र दिखाने एवं जमा करने को कहती है पहले ये काम पुलिस क्यों नहीं करती? इसलिए लेबर पार्टी ऑफ इंडिया की मांग है कि अपहरण हुए बच्चे को जल्द से जल्द पुलिस खोजे, अपराधियों को पकड़े और उन्हें कठोर से कठोर सजा दिलाए अन्यथा लेबर पार्टी ऑफ इंडिया आने वाले दिनों में सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगी जिसकी पूरी जवाबदेही शासन प्रशासन पर होगी।

Related Articles

Back to top button