छत्तीसगढ़

हम सब स्नेह के सागर परमात्मा के बच्चे हैं:उषा दीदी

भिलाई । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा के स्मृति दिवस 24 जून के उपलक्ष में तपस्या कार्यक्रम मम्मा सम मैं बनू परम पवित्र का दूसरा सप्ताह सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में महाकाल की नगरी उज्जैन से आईं राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी के द्वारा प्रारंभ हुआ। जिसमे सभी ज्ञानयुक्त पवित्र स्मृति द्वारा दिव्य दृष्टि व् बोल का अभ्यास करेंगे7 आपने बताया की व्यर्थ संकल्प, हमारी कमजोरियां ही जीवन के अंतिम समय में यमदूत के रूप में आएंगे उस समय पश्चाताप के सिवाय कुछ नहीं होगा। हम सभी गागर के बच्चे नहीं स्नेह के सागर परमात्मा के बच्चे हैं, परमात्म स्नेह का स्टॉक अपने जीवन में सदा भरपूर रखना है, सभी को स्नेह की अंजली देना है। स्वयं को चेंज करने की परवाह करो, अपने समर्थी स्वरूप की स्मृति सदा रहे। दिल के संबंध के आधार पर परमात्मा प्रेम का अनुभव करना है, दिमाग की नॉलेज के आधार पर मेहनत लगती है, जहां दिल का स्नेह और संबंध है तो परमात्म याद भूलना मुश्किल है। निस्वार्थ और निर्विकल्प स्थिति से परमात्मा को याद करेंगे तब परमात्मा प्यार का अनुभव होगा। वहीं रामनगर में चल रहे कक्षा छठवीं से बारहवीं तक के बच्चों के लिए आयोजित एक नई उड़ान कार्यक्रम का पुरस्कार वितरण कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें पार्षद केशव चौबे, लाल चंद वर्मा, तथा शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला की प्राचार्या देव प्रभा देवांगन, एकांत साहू तथा विशेष रूप से महाकाल की नगरी उज्जैन से आई राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी द्वारा बच्चों को पुरस्कार वितरण किया। बच्चों ने एक नई उड़ान कार्यक्रम में अपने में आये अनुभवों को साझा किया। बच्चों द्वारा बनाई सुन्दर पेंटिंग और वेस्ट से बेस्ट बनाये क्राफ्ट सर्व के अवलोकन हेतु प्रदर्शनी के रूप में लगाईं गई। संचालन ब्रह्माकुमारी पूजा दीदी ने किया।

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