वृक्षमाला नटीतट संरक्षण के लिए चलेगा पौधरोपण महाभियान,पैरी नदी के किनारे आएगी हरियाली
गरियाबंद । नदियों के किनारों को हरा भरा करने के उद्देश्य से वृक्ष माला प्रोजेक्ट के तहत वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा पतोरा दादर में 1 हेक्टेयर भूमि में 500 से अधिक पौधों का वृक्षारोपण जल्द किया जाएगा मुख्य कार्यपालन अधिकारी रीता यादव ने बताया कि इसकी तैयारी की जा रही है और ग्रामीणों को पर्यावरण जागरूकता के संदेश दिए जा रहे हैं।
आजादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत भारत सरकार द्वारा इस वर्ष महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत विशेष गतिविधी के रूप में वृक्षमाला नदीतट संरक्षण महाभियान की योजना बनाई गई है। इस गतिविधी का उद्देश्य बारहमासी नदी की धारा के प्रवाह को बनाए रखना है। नदी में पानी बारह माह उपलब्ध होने से भूमि में नमी का स्तर को बना रहेगा, इससे नदी के आसपास हरियाली में वृद्धि होगी तथा वातावरण में बढ़ते तापमान को कम करने में सहायक होगी। भूमि में नमी का स्तर बने रहने से आसपास के क्षेत्रों के लिए स्थायी आजीविका के अवसर बनेंगे। इन्हीं उदेश्यों को लेकर जिले की ग्राम पंचायतों में जनजागरूकता लाने हेतु इस परियोजना के उदेश्य से अवगत कराया जा रहा है।
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रीता यादव तथा कलेक्टर प्रभात मलिक के पहल पर जिले में “वृक्षमाला” नदीतट संरक्षण महाभियान को ग्रामीणों को जागरूक कर इससे जोडऩे की पहल की जा रही है यह महाभियान 15 अगस्त 2023 तक चलेगी। इस महाअभियान को सफल बनाने के लिए जिले की ग्राम पंचायतों में जन जागरूकता हेतु बैनर-पोस्टर, दीवार लेखन, मुनादी के माध्यम से प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए गए है। माह मई में वृक्षारोपण अभियान मे गांव के बुर्जुग, पंचायत प्रतिनिधि, स्व सहायता समूह की महिलाएं एवं ग्रामीणों की भागीदारी हेतु जिले की पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन किये जाऐंगे। जून माह तक जिस स्थान पर पौधरोपण किया जाना है उस स्थान पर गड्ढा खोदकर तैयार किया जाना होगा। वृक्षमाला नदी तट संरक्षण महाभियान अंतर्गत चयनित ग्राम पंचायत में नदी के तटों पर वृक्षारोपण किया जावेगा।
ग्राम पंचायत पतोरा दादर के पैरी नदी के तट में लगभग 1 हेक्टेयर खाली पड़ी भूमि का ग्रामीणों द्वारा चिन्हांकन कर इस भूमि में 500 मिश्रित प्रजाति के पौधे रोपित किए जाने की कार्ययोजना बनाई गई है। उसी प्रकार नदी के किनारे के कई गांवों के ग्रामीणों को इस महाभियान के उदेश्यों से अवगत कराया गया साथ ही वृक्षारोपण के लिए भूमि का चिन्हांकन किया गया।