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छत्तीसगढ़

आंबा सहायिका भर्ती में भ्रष्टाचार की विधायक व कलेक्टर से शिकायत

कसडोल । बलौदाबाजार व सोनाखान सेक्टर प्रभारी आदित्य शर्मा ( महिला बाल विकास विभाग जिला अधिकारी बलौदाबाजार ) द्वारा निरंकुश आचरण किए जाने की शिकायत लगातार की जा रही है पर कार्यवाही शून्य है। आदित्य शर्मा का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा क्या कर सकते हैं… ट्रांसफर। पर सुकमा तो नहीं भेज सकते ना.. मुझे? कोर्ट से स्टे ले आऊंगा ऐसा कहना है इस अधिकारी का। एक साथ कई जगहों के परियोजना अधिकारी के प्रभार में है आदित्य शर्मा।
यह अधिकारी इतना निरंकुश है कि पूर्व में सोनाखान परियोजना की महिला पर्यवेक्षक को 6 माह तक वेतन नहीं दिया था और जबरन एलपीसी को भेज दिया गया कहकर …महिला पर्यवेक्षक को वेतन के लिए घुमाता था।
ताजा मामला भटगांव परियोजना सेक्टर धोबनी का है जहां पर आंगनबाड़ी सहायिका का पद रिक्त होने पर वर्ष 2021 -22 में आंगनबाड़ी सहायिका पद के लिए आवेदन भटगांव परियोजना द्वारा मंगाया गया था। जहां पर धोबनी ग्राम पंचायत से 4 लोगों ने आवेदन किया था। क्रमश: टेकती पटेल पति गजानन पटेल, सुभद्रा पात्र पति विक्रम पात्र, जया पति नकुल प्रसाद और उत्तरा गणेशराम ने आवेदन दिया था। पात्रता के अनुसार ही नियुक्ति होनी थी जबकि सुभद्रा पात्र पति विक्रम पात्र का सबसे ज्यादा अंक है, फिर भी चयनकर्ताओं ने अपात्र का चयन कर डाला है। इसके चलते पीडि़ता ने आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में हुए भ्रष्टाचार की सच्चाई सामने लाई है। जहां प्रार्थिया सुभद्रा पात्र ने भ्रष्टाचार की शिकायत जिला कलेक्टर एवं क्षेत्रीय विधायक संसदीय सचिव चंद्रदेव राय से की है।
प्रार्थिया सुभद्रा पात्र ने भटगांव परियोजना में आंगनबाड़ी सहायिका के रिक्त पद पर अपात्र को पात्रता देकर नियुक्ति कर दिए जाने की लिखित शिकायत जिला कलेक्टर से की है। आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती के लिए 2021-22 में आवेदन किया गया था। जहां पात्र की सूची में उनका नाम दूसरे नंबर पर था, वही कुल अंक के अनुसार अभ्यर्थियों में प्रथम होना चाहिए था, किंतु कुछ लोगों द्वारा षड्यंत्रपूर्वक, सांठगांठ कर सूचना पटल से उनका नाम फाड़ कर हटा दिया गया। वहीं किसी दूसरे अपात्र को रूपये ले कर नियुक्ति दे दी गई है।
प्रार्थिया ने बतलाया कि उक्त सहायिका पद हेतु उनके पास कुछ लोगों ने आकर नियुक्ति हेतु रुपयों की मांग की थी जहां प्रार्थिया द्वारा रुपये देने में असमर्थता व्यक्त की एवं आर्थिक तंगी भी बतलाई गई। जिससे व्यक्ति विशेष लोगों द्वारा साठगांठ कर पात्र होते हुए उनका नाम हटाकर अन्य को नियुक्ति दे दी गई।

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