अरनपुर-जगरगुंडा सड़क मार्ग का एप्रोच-वॉल जगह-जगह धंस रहा
दंतेवाड़ा । अति संवेदनशील क्षेत्र अरनपुर थाना के सामने से होकर सुकमा जिले के जगरगुंडा तक बनी पक्की सड़क पहुंच मार्ग अब धीरे धीरे गढढ़ों में तब्दील होता जा रहा है। इस सडक को बनाने में स्थानीय पुलिस फोर्स का बड़ा योगदान रहा है। सड़क निर्माण के दौरान कई नक्सल वारदातें हुई कई जवानों की शहादत भी हुई तब कहीं जाकर इस मार्ग को पूरा किया जा सका है। लेकिन दुर्भाग्य से प्रशासन की अकर्मण्यता एवं लापरवाही के चलते अब इस पक्की सड़क की हालत धीरे धीरे खराब होती जा रही है। सड़क के एक ओर बने एप्रोच वॉल धंसने लगे हैं। कई जगहों पर मिट्टी इस कदर धंस गई है कि सड़क पर ही कई फीट गहरे गढढे हो गए हैं गढढो के चलते दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। गौरतलब है कि आज से दशकों पूर्व अरनपुर जगरगुंडा मार्ग को बनाने का काम शुरू किया गया था। अरनपुर धुर नक्सल इलाका अंतर्गत आता है। इस इलाके में नक्सलियों की कभी अच्छी खासी पैठ हुआ करती थी। आज भले ही उनकी सक्रीयता इस इलाके में कम दिखाई पड़ती है लेकिन नक्सली अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुए हैं। बता दें कि पुलिस के संरक्षण में अरनपुर से जगरगुंडा तक करीब 27 किमी की पक्की सड़क का निर्माण किया गया है। आज की स्थिति यह है कि सड़क तो आने जाने लायक तो है लेकिन सड़क में वाहनों के सुरक्षा के लिए बनाए गए एप्रोच वॉल के घटिया निर्माण के चलते वॉल कई जगह से टूटने लगे हैं। सड़क भी एक ओर धंस रहा है जिससे मार्ग में हादसे की आशंका हमेशा बनी रहती है। बता दें कि अरनपुर जगरगुंडा मार्ग बेहद ही दुर्गम एवं सर्प की तरह मुड़ा हुआ एक तरह से घाटी के रूप में है । जरा सी भी सावधानी हटने पर दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे सड़क के साईड में बने एप्रोच वॉल अगर गुणवत्ताविहीन बनाया जाएगा तो जानमाल के नुकसान होने की पूरी आशंका प्रबल होगी। सड़कों पर भी गढढे दिखाई दे रहे हैं जिसे भरा नहीं गया है। बारिश के दिनों में बारिश के पानी का निकासी सही ढंग से नहीं हो पाता जिसके चलते भी मिट्टी नरम होकर धंसने लगी है और जगह जगह सड़क किनारे गढढे होने लगे हैं। हमारे कई जवानों की शहादत के बाद तैयार हुई अरनपुर जगरगुंडा सड़क मार्ग के दुरूस्ती के लिए प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। अगर यह मार्ग पूरी तरह से खुल जाता है और पर्यटकों एवं सैलानियों के आने की संख्या यहां बढ़ती है तो टूरिज्य के लिहाज से भी इस क्षेत्र का सर्वागीण विकास हो सकता है। लेकिन इसके लिए सड़क मार्ग बेहतर होना चाहिए क्योंकि कहते हंै ना कि जिन इलाकों की सड़कें अच्छी होती है विकास भी वहीं से शुरू होता है।