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छत्तीसगढ़

शक्ति दिवस पर हल्बा समाज ने दिखाई ताकत

दंतेवाड़ा । अखिल भारतीय हल्बा समाज ने सोमवार को जिला मुख्यालय में शक्ति दिवस मनाया। इस मौके पर सुकमा व दंतेवाड़ा जिले से बड़ी संख्या में महिला-पुरूष कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। इस शीतला माता मंदिर से दंतेश्वरी मंदिर तक भव्य कलश यात्रा निकाली गई। दंतेश्वरी मंदिर में पूजा अर्चना के बाद हाईस्कूल मैदान में शक्ति दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में विधायक देवती कर्मा ने समाज को एकजुट रहने और शिक्षित बनने का संदेश दिया। उन्होंने टेकनार में हल्बा समाज के सामाजिक भवन निर्माण के लिए पूरी राशि देने की घोषणा की। जबकि जिपं सदस्य रामू नेताम ने स्वयं द्वारा पूर्व में घोषित 5 लाख रूपए की सहयोग राशि को संभाग स्तरीय सामाजिक भवन निर्माण के लिए देने का ऐलान किया। कार्यक्रम में दंतेवाड़ा जिपं अध्यक्ष तूलिका कर्मा, सुकमा जिपं अध्यक्ष हरीश कवासी, सुकमा भाजपा जिलाध्यक्ष हुंगाराम मरकाम, दंतेवाड़ा जनपद अध्यक्ष सुनीता भास्कर, नगर पालिका अध्यक्ष पायल गुप्ता, विभिन्न समाज प्रमुखों में बल्लू भवानी, आरएन साय, नागेश जायसवाल, नीलम ठाकुर के अलावा हल्बा समाज पदाधिकारियों में रामलाल डेगल, पीलू डेगल, डीआर नाग, एडी नाग, हरिलाल डेगल, जयदयाल नागेश, रामचंद्र नागेश, डॉ रविन्द्र सिंह नाग, प्रमिला नाग, राजेश कश्यप, मोहन बघेल, सुखराम कश्यप, सुनील बघेल, अक्षय बघेल, सुकमा जिले से हल्बा समाज प्रमुखों समेत अन्य पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरूआत से पहले टेकनार में अतिथियों की मौजूदगी में सामाजिक भवन के लिए चयनित स्थल में भूमिपूजन व शिलान्यास किया गया। आयोजन में हल्बा समाज के विभिन्न गढ़ तुड़पारास, टेकनार, कुआकोंडा, मैलावाड़ा, कटेकल्याण, चितालूर, बड़े तुमनार, छिंदनार, बारसूर, नेलसनार, करेकोट, अतकारीरास, छिंदगढ़, मलकानगिरी गढ़ से समाज के सदस्य शामिल हुए।
नियमावली के पालन की ली शपथ : इस मौके पर हल्बा समाज के जन्म संस्कार, विवाह और मृत्य संस्कारों में एकरूपता लाने के लिए तैयार की गई सामाजिक नियमावली का विमोचन अतिथियों के हाथों करवाया गया। साथ ही समाज के सदस्यों को सर्व आदिवासी समाज प्रमुख सुरेश कर्मा व दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी परमेश्वर नाथ जिया ने नियमावली का पूर्णत: पालन करने की शपथ दिलाई। इस नियमावली में फिजूलखर्ची से बचने और समाज के पारंपरिक रीति रिवाजों को संरक्षित रखने पर जोर दिया गया है।

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