दो मित्रों का संवाद है गीता: इन्दुभवानन्द
भिलाई । एमपी हाल जोगबनी में गहोई वैश्य समाज के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद् भागवत की दिव्य अमृतमयी कथा के समापन अवसर पर ज्योतिष पिता आदिश्वर आधार कार्ड द्वारका शारदा पिता आदिश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी कृपानंद सरस्वती महाराज के प्रिय शिष्य शंकराचार्य आश्रम बोरियाकला रायपुर के प्रमुख डॉ इन्दुभवानन्द महाराज ने गीता के सार भाग को प्रस्तुत करते हुए बताया कि गीता दो मित्रों का संवाद है। जीवात्मा परमात्मा दोनों अनादिकाल से मित्र हैं। जीवात्मा के प्रतिनिधि अर्जुन हैं और परमात्मा के प्रतिनिधि भगवान श्री कृष्ण। जीवात्मा से मिलने की इच्छा परमात्मा सदा करते हैं। भगवती श्रुति ने जीवात्मा परमात्मा की एकता के बहुत संबंधों की बात की है जैसे दैशिक संबंध, सामान्याधिकरण सम्बन्ध, साजात्य संबंध, भ्रातृत्व संबंध किंतु जब मित्रता के संबंध की बात की तो जीवात्मा परमात्मा से मिलने के लिए सहज हो गया। मित्रता का संबंध सभी संबंधों से श्रेष्ठ और बड़ा माना जाता है। एक मित्र अपने दूसरे मित्र से कुछ भी नहीं छुपा सकता है, जबकि पति-पत्नी से, स्वामी-सेवक से, भाई-भाई से कुछ छुपा सकता है किंतु मित्र अपने मित्र से कुछ भी नहीं छुपा सकता है। भगवान कृष्ण कहते हैं कि अर्जुन मेरा हृदय है और मैं अर्जुन का हृदय में हूँ। कथा के पूर्व उन्होंने हवन, कपिला तर्पण, तुलसी वर्षा गीता पाठ आदि कार्यक्रम संपन्न किया। आचार्य महेंद्र शास्त्री आचार्य अभिषेक कृष्ण आनंद वीरेंद्र दुबे इत्यादिक आचार्य ने वैदिक कार्य संपन्न कराया।
हैवी ट्रांसपोर्ट के युवा संचालक, समाजसेवी एवं भिलाई विधानसभा से कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार इन्द्रजीत सिंह छोटू ने श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह में ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद महाराज, कथा व्यास डॉ. इंदु भवानंद ब्रम्हाचारी के श्रीमुख से कथा श्रवण का सौभाग्य प्राप्त किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ बलकर असोसिअशन के अध्यक्ष मलकीत सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे। इन्द्रजीत सिंह छोटू ने कथा समिति के संरक्षकगण धनीराम, प्रमोद कुमार कूचया, ओमप्रकाश मरेले, नंद कुमार बेहरे, मोहन लाल, अध्यक्ष-पवन कुमार ददरया, उपाध्य- आशीष कुमार कनकने, सचिव- राकेश कुमार रूसिया, राजदेव कनकने, देवेश रूसिया, दिनेश सुहाने, आशुतोष कंदेले, अरुणकुमार इंटोदिया, अतुल झुडेले, अशोक रूसिया, नीरज खरया, नीरज कनकने, श्रीमती ज्योति रूसिया, श्रीमती रश्मि बरशैया, श्रीमती सीमा बेहरे आदि समस्त गहोई वैश्य समाज के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।