छत्तीसगढ़

भाजपा की नीति एवं नीयत में खोट गरीबों के पेट पर कर रही है चोट

भोपालपटनम । प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजापुर जिले की समीक्षा बैठक के दौरान तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य को 25 मई तक बढ़ाए जाने के निर्णय पर अपना पक्ष रखते हुए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी ने कहा कि तेंदूपत्ता का सीजन एक मई से प्रारंभ होकर लगभग एक हफ्ता चलता है इसके पश्चात संग्रहण किया हुआ तेंदूपत्ता गुणवत्ता विहीन होने के कारण इसकी उपयोगिता नहीं रह जाती। ताटी ने सरकार की नई तेंदूपत्ता नीति को गरीबों के पेट पर चोट पहुंचाने वाला निर्णय बताते हुए कहा कि भाजपा की नीति एवं नीयत में खोट होने के कारण यह गरीबों की हितैषी नहीं हो सकती। ताटी ने वन अधिकारियों पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि जानबूझकर मौसम का बहाना बनाकर विभाग द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य विलंब से प्रारंभ किए जाने से यह कार्य अत्यधिक प्रभावित हुआ है जिसका सीधा असर संग्रहण कार्य में लगे गरीबों के आमदनी पर पड़ा है। भद्राकाली समिति अंतर्गत ग्राम भद्राकाली चंदूर तारलागुडा तथा तारुड़ में आज पर्यंत तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य प्रारंभ नहीं किए जाने पर खेद व्यक्त करते हुए ताटी ने इसे वन अधिकारियो के घोर लापरवाही का परिणाम बताया है। ताटी ने तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य में ग्रामीणों द्वारा रुचि नहीं लेने के कारणों का खुलासा करते हुए बताया कि पूर्व में ठेकेदार द्वारा तेंदूपत्ता कार्य में लगे मजदूरों को उलटाई एवं पलटाई के साथ-साथ वाचर को भी मजदूरी का भुगतान किया जाता रहा है लेकिन अब इन मजदूरों को किसी प्रकार की कोई मजदूरी नहीं दी जाती. पहले ठेकेदार द्वारा फड़ मुंशी को 13500 रु भुगतान किया जाता था लेकिन अब इसे घटाकर वर्तमान में फड़ मुंशी को सिर्फ 6000 रु भुगतान करने का प्रावधान रखा गया है इसके अलावा ठेकेदार द्वारा पहले 620 रु प्रति गड्डी के मानक से तेंदुपत्ता श्रमिकों को भुगतान किया जाता था लेकिन अब बढ़ती महंगाई के बावजूद भी इसे कम करते हुए 550 रु प्रति गड्डी की दर से भुगतान किए जाने का प्रावधान रखा गया है यहां इस बात का उल्लेख करना भी लाजमी होगा कि इन सभी प्रक्रियाओं में वन समिति के अध्यक्षों के अधिकारों को समाप्त किया गया है जो न्याय संगत नहीं है।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि वन अधिकारियो का तेंदुपत्ता संग्रहण कार्य मे अरुचि होने के कारण अब हमारे प्रदेश का तेंदूपत्ता बिना रोक-टोक के खुले आम पड़ोसी राज्य तेलंगाना एवं महाराष्ट्र की ओर जा रहा है जिसमें वन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है ताटी ने यह भी कहा कि वन अधिकारियों के मिली भगत और साथ गांठ के बिना यह कार्य संभव नहीं है ताटी ने बीजापुर जिला में स्थित विभिन्न बैंक शाखाओ को अपर्याप्त बताते हुए तेंदूपत्ता श्रमिकों का भुगतान नगद दिए जाने की मांग भी की है।

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