बजबजाती खुली नालियां स्वच्छता ही सेवा अभियान की खोल रही पोल
दंतेवाड़ा । छ0ग0सरकार के निर्देशानुसार सितंबर माह में प्रदेश के सभी जिलों में स्वच्छता ही सेवा अभियान पखवाड़ा के तहत नगर, शहर, गांव, गली मोहल्लों, वार्डो में सफाई अभियान चलाई गई। इसी क्रम में दंतेवाड़ा नगर पालिका क्षेत्र में भी पालिका की पूरी टीम अलग अलग दिनों में साफ सफाई के कामों में दिखाई पड़े थे। अब ये सफाई वास्तविक सेवा था या फिर केवल झाड़ू पकड़कर ग्रूपिंग फोटो शेसन अभियान यह तो हम जनता पर छोड़ देते हैं मगर इस सफाई अभियान कितनी ईमानदारी से की गई है इसकी कुछ झलकियां हम अवश्य दिखाना और बताना चाहते हैं ताकि जनता भी ये देखे और समझे कि उनके साथ सफाई के नाम पर कैसे धोखा किया जा रहा है? वार्ड की जनता यह तय करे कि आने वाले नगरीय निकाय चुनाव में उन्हें कैसे प्रतिनिधियों को चुनना है।नगर को स्वच्छ बनाने तथा नागरिकों में स्वच्छता की आदत को स्थापित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बीते माह 17 सितंबर से 02 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा अभियान चलाया। इस दौरान पालिका के अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि समेत जिला प्रशासन के अधीन कर्मचारियों ने भी बढ़चढ्कर हिस्सा लिया। अलग अलग दिनों में वार्डाे मोहल्लों की, तालाबों की नदी घाटों की, सार्वजनिक स्थलों की सफाई की की गई। इस सफाई अभियान के दौरान पालिका का पूरा लाव लश्कर ड्रेस कोड के साथ सफाई में जुटा रहा। अब सफाई कितनी हुई नगर मोहल्ले कितने साफ हुए और मोबाईलों में सफाई करते हुए हाथों में झाडू लेकर फोटो कितनी खिंचवाई गई यह तो ईश्वर ही जाने मगर यह सच्चाई है कि आज भी नगर के मुख्य सडकों, वार्डो के गली मोहल्लों की नालियों में गंदगी अटी पड़ी है। कई वार्डो में तो नालियों में पानी सालों से जमा पड़ा है। नालियों में पड़े पड़े सड़ चुका पानी दुर्गध मार रहा है। आसपास के रहवासियों का वहां रहना दुभर हो गया है। वार्ड क्रमांक 13 में अंबेडकर पार्क के सामने से लेकर बैंक चौक तक खुले नालों में किस कदर बजबजाती गंदगी पड़ी हुई है पालिका के अधिकारी को जाकर मौका मुआएना करना चाहिए। सफाई अभियान में इस नाली की सफाई क्यों नहीं हुई? क्या ये नगर की सीमा में नहीं आता? इसकी सफाई की जिम्मेदारी आखिर किसकी है? किस मतलब का यह स्वच्छता अभियान? आपको जहां शूट किया वहां सफाई कर फोटो शेसन करवा लिया जहां शूट नहीं किया वहां झांकने नहीं गए। यह कैसा सफाई अभियान। मुख्य सड़क के किनारे बने इस बड़े नाले में बिखरी पड़ी गंदगी व सडांध भरी नालियों का यह दृश्य स्वच्छता ही सेवा अभियान पखवाड़ा की हवा निकालने के लिए काफी है। आलम यह कि वर्षो बाद भी नालों में ढक्कन तक नहीं डाला गया है। मोहल्ले वालों का कहना है कि बोल बोलकर थक गए मगर पालिका के सीएमओ व सफाई कर्मचारियों के कानों में जूं नहीं रेंगता।