गरियाबंद के उदंती में बाघ की वापसी दो भैंसों का शिकार, विभाग प्रसन्न

गरियाबंद । छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के उदंती वन क्षेत्र में लंबे समय बाद बाघ की मौजूदगी के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं। उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में एक बाघ ने दो भैंसों का शिकार किया है, जिसके बाद वन विभाग ने क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। ग्रामीणों की सूचना पर वन अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की, जहां बाघ के पदचिन्ह पाए गए। वन विभाग का यह भी कहना है कि बाघ 1 से 2 भी हो सकते हैं क्योंकि पाए गए पद चिन्ह एक छोटे आकार का है तो दूसरा बड़ा आकार का है इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि दो बाघ संभवत हो सकते हैं ।क्षेत्रीय ग्राम जनप्रतिनिधियों ने भी इस बात की पुष्टि की है
प्लास्टर ऑफ पेरिस से लिया गया पदचिन्ह का सैंपल
वन विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पदचिन्हों का सैंपल प्लास्टर ऑफ पेरिस से लिया। उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन ने इन पदचिन्हों की जांच के बाद पुष्टि की कि ये बाघ के ही हैं। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2022 के बाद से क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले थे, लेकिन अब इन नए सबूतों से बाघ की वापसी की पुष्टि हुई है।
ट्रैप कैमरे लगाए, मुनादी के जरिए सतर्कता वन विभाग ने बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए क्षेत्र में ट्रैप कैमरे लगाए हैं। साथ ही, ग्रामीणों को सतर्क रहने और अकेले जंगल में न जाने की सलाह दी गई है। आसपास के गांवों में मुनादी कराकर लोगों को जंगल में सावधानी बरतने के निर्देश दिए जा रहे हैं। वन अधिकारियों ने ग्रामीणों से पशुओं को खुले में न छोडऩे और रात में सतर्क रहने की अपील की है
उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में बाघों को लेकर पहले से ही चिंताजनक स्थिति रही है दिसंबर 2022 के बाद क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी के कोई स्पष्ट सबूत नहीं मिले थे, जिसके कारण वन्यजीव प्रेमियों और विशेषज्ञों में चिंता थी। अब बाघों के पदचिन्ह मिलने और भैंसों के शिकार की घटना ने इस टाइगर रिजर्व में बाघों की सक्रियता की उम्मीद जगाई है।वन विभाग की कार्रवाई और भविष्य की योजना
बाघ की वापसी पर वन विभाग प्रसन्न
उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि ट्रैप कैमरों से प्राप्त फुटेज में धारी का मिलन और विश्लेषण कर बाघों की पहचान और उनकी गतिविधियों की जानकारी जुटाई जाएगी। साथ ही, क्षेत्र में बाघों के संरक्षण और मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए जरूरत अनुसार उपाय किए जाएंगे। बाघ की वापसी की खबर से जहां वन्यजीव संरक्षण के दृष्टिकोण से उत्साह जनक है, बाघों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास को मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित करती है। वन विभाग की त्वरित कार्रवाई और सतर्कता से उम्मीद है कि इस क्षेत्र में बाघों की सुरक्षित मौजूदगी सुनिश्चित की जा सकेगी।