छत्तीसगढ़

महीनों से पैसेंजर एवं नाइट एक्सप्रेस को बंद करके मालगाड़ी की आवाजाही को बढ़ाया जा रहा

किरंदुल । लौह नगरी किरंदुल का रेलवे स्टेशन इस रेलवे जोन का सबसे ज़्यादा कमाई करने वाला स्टेशन हैँ, ज्ञात हो कि किरंदुल बचेली क्षेत्र में एनमडीसी कि लौह अयस्क कि खदाने होने के कारण इनकी ढूलाई से रेलवे को जोन में सबसे ज़्यादा कमाई करके किरंदुल एवं बचेली का स्टेशन देता हैँ उसके बाद भी यहाँ के नागरिकों एवं रेलवे के कर्मचारियों के लिए रेलवे द्वारा कोई भी सुविधा नहीं दी जाती हैँ।
ज्ञात हो कि किरंदुल से विशाखापट्नम के लिए 2 पेसेंजर ट्रेने संचालित होती हैँ जिससे दक्षिण भारत कि तरफ जाने वाले तथा ओडि़सा और बंगाल कि तरफ जाने वाले यात्रीयों के लिए एकमात्र सहारा हैँ जिसे वक्त बेवक्त रेलवे द्वारा कोई भी बहाना बनाकर किरंदुल तक कि सेवा को बंद कर दिया जाता हैँ फिर ट्रेने जगदलपुर तक ही आती हैँ और बहुत ज़्यादा मेहरबानी हुई तो दंतेवाड़ा तक ही ट्रेनों को संचालित किया जाता हैँ, दूसरी तरफ मालगाड़ी लगातार किरंदुल और बचेली से माल ढ़ोते रहती हैँ और नित्य उत्पादन के नये आयाम छूने में एनमडीसी कि मदद करती हैँ। महत्वपूर्ण बता ये हैँ कि ये पेसेंजर ट्रेने बचेली और किरंदुल के मरीज़ो के लिए भी जीवन दायनी हैँ, जितने भी मरीज़ो को रेफर किया जाता हैँ वो रेल मार्ग द्वारा ही विशाखापट्नम जाना पसंद करते हैँ, इन ट्रेनों के बंद होने से सबसे ज़्यादा नुकसान मरीज़ो को ही उठाना पड़ रहा हैँ, बात करने पऱ रेलवे हमेशा सुरक्षा का हवाला देकर ट्रेनों को बंद किया जाना बताता हैँ वही मालगाड़ी के लिए कोई बहाना नहीं हैँ, बल्कि पहले से ज़्यादा तादाद में माल धोया जा रहा हैँ।पहले कहा जाता था कि डबल लाइन बिछने के बाद जगदलपुर तक आने वाली सारी ट्रेनों को किरंदुल तक बढ़ा दिया जाएगा मगर हो इसका उल्टा रहा हैँ जो ट्रेने चलती थीं उनको भी दंतेवाड़ा में रोका जा रहा हैँ,लाइन एक्सटेंशन के कार्य के साथ स्टेशन और प्लेटफार्म को भी बढ़ाया जा रहा हैँ मगर बिना ट्रेनों के ये स्टेशन और प्लेटफार्म किस काम के हैँ ?उपाध्यक्ष बबलू सिद्दीकी ने किरंदुल ्रश्वहृ रेलवे से मांग कि हैँ कि फ़ौरी तौर पे बिना किसी हील हवाले के पेसेंजर ट्रेन को शुरू किया जाये अन्यथा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, कानूनी व्यवस्था अगर बिगड़ती हैँ तो पूरी जि़म्मेदारी रेलवे कि रहेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button