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छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री ने 141 करोड़ रुपए से बने प्रदेश के पहले गन्ना बेस एथेनॉल प्लांट का लोकार्पण किया

कवर्धा । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय से विडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से 141 करोड़ रूपए की लागत से प्रदेश का पहला गन्ना बेस एथेनॉल प्लांट का लोकार्पण किया। लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री व कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर विशेष रूप से उपस्थित थे। राज्य शासन द्वारा कबीरधाम जिले में प्रदेश का गन्ना बेस सबसे बड़ा और पहला एथनॉल प्लांट की स्थापना की गई है। एथनॉल प्लांट की स्थापना भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना की खाली भूखंड की 35 एकड़ भूमि में निर्माण किया गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की कृषि पर आधारित इथेनॉल उद्योग ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिला पंचायत कवर्धा के सभाकक्ष में आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम में जिले से पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चंद्राकर, जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि होरी साहू, क्रेडा के सदस्य कन्हैया अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष सुशीला भट्ट , राज्य योग आयोग के सदस्य गणेश नाथ योगी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुशीला भट्ट, नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा, जिला पंचायत सदस्य रामकुमार भट्ट , जिला पंचायत सदस्य तुकाराम चंद्रवंशी, रामकुमार भट्ट , पार्षद अशोक सिंह कलेक्टर जनमेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव, डीएफओ चूड़ामणि सिंह, जिला पंचायत सीईओ संदीप कुमार अग्रवाल सहित जिले के जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गढ़वो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया गया था, उसे पूरा करने के हर संभव प्रयास सरकार द्वारा किए गए है। इसके लिए प्रदेश में जहां एक ओर अधोसंरचनाओं के विकास के लिए अनेक निर्माण एवं विकास मूलक कार्यों को स्वीकृति प्रदान कर पूरा किया गया है, वही दूसरी ओर शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने के साथ-साथ रोजगार मूलक कार्यों को बढ़ावा दिया गया है। साथ ही किसान, मजदूर, वनवासी, युवाओं, महिलाओं एवं दूरस्थ अंचलों में रहने वाले लोगों के लिए आमदनी बढ़ाने के कार्य किए गए है, उन्हें रोजगार से जोड़ा गया है। बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें उनकी रूचि अनुसार प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
केबिनेट मंत्री व कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने पूरे प्रदेश सहित कबीरधाम जिले के समुचित विकास और जन भावनाओं के अनुरूप विकास की परिकल्पनाओं को सकार करने में पूरा ख्याल रखते है। उन्होंने कहा है कि जिले के समुचित विकास, सिंचाई योजनाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, अधोसंरचना निर्माण, पुल-पुलिया, सड़क, भवन निर्माण सहित सभी समाजों के समग्र विकास का भी सरकार ने ख्याल रखा है। क्षेत्र विकास के लिए हमने जब भी मांग की उन सभी मांगों को मुख्यमंत्री जी ने पूरी तत्परता से स्वीकृति प्रदान की। भेंट-मुलाकात के दौरान समाज प्रमुखों से चर्चा-परिचर्चा की। यह सभी समाजों के लिए यादगार पल भी रहा। गन्ना बेस पर आधारित ऐथेनॉल उद्योग की स्थापना से कबीरधाम के विकास को और आकार मिला है। आने वाले दिनों में उच्च तकनिकी शिक्षा मेडिकल कॉलेज की स्थापना की परिकल्पना हमारी सरकार ने की है। इस दिशा में हम आगे भी बढ़ रहे है।
पी.पी.पी. मॉडल से इथेनॉल प्लांट की स्थापना का पूरे देश में यह पहला
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कृषि पर आधारित इथेनाल प्लांट प्राथमिकता वाली योजनाओं में है। पीपीपी मॉडल से स्थापित देश के पहले इथेनॉल प्लांट की स्थापना के संबंध में अनुबंध भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने तथा छत्तीसगढ़ डिस्टीलरी लिमिटेड की सहायक इकाई एन.के.जे. बॉयोफ्यूल लिमिटेड के मध्य किया गया है। इथेनॉल संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे तथा क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा। किसानों को गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में सरकार के गठन के साथ ही किसानों से संबंधित मुद्दे सर्वोपरि रहे हैं, सर्वप्रथम कृषि ऋणों की माफी की गई तथा गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए शक्कर कारखानों की आर्थिक कठिनाई के स्थाई निदान के लिए पीपीपी मॉडल से इथेनॉल प्लांट की स्थापना की गई है। पी.पी.पी. मॉडल से ईथेनॉल प्लांट की स्थापना का पूरे देश में यह पहला उदाहरण है।
इथेनॉल उद्योग से जिले के हजारों गन्ना उत्पादक किसानों को मिलेगा लाभ
भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के एमडी भूपेन्द्र ठाकुर ने बताया कि इथेनाल प्लांट हाईब्रीड टेक्नालाजी से है, जिसमें गन्ना पेराई सीजन के दौरान सीधे गन्ने के जूस से तथा आफ सीजन के दौरान मोलासीस से इथेनाल बनाया जाएगा। गन्ने के रस को इथेनाल में डायवर्ड करने के कारण अधिक जूस की जरूरत पड़ेगी उसकी पूर्ति के लिए किसानों से अधिक से अधिक गन्ना क्रय किया जाएगा। इथेनाल प्लांट के निर्माण से किसानों को गन्ने के मूल्य का भुगतान समय पर सुनिश्चित हो सकेगा। आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र की आर्थिक एवं तकनीकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पी.पी.पी. मॉडल का चयन किया गया। राज्य शासन के निर्णय के पालन में प्रथम चरण में भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने में पी.पी.पी. मॉडल से इथेनॉल प्लांट की स्थापना की गई है। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा में न्यूनतम 80 के.एल.पी.डी. क्षमता के ईथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए देश का पीपीपी मॉडल से पहला उदाहरण होने के कारण निवेशक चयन के लिए प्रक्रिया के सूक्ष्म पहलूओं को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर निविदा सफलतापूर्वक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से पूर्ण की गई।

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