छत्तीसगढ़

काउंसलिंग से बीएड वालो को अलग रखना बेरोजगारों के साथ धोखा अन्याय*

दंतेवाड़ा । छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग एक तरफ शिक्षकों की समस्याओं से लगातार जूझ रहा है ऐसे में सरकार लगातार नियमो में बदलाव कर राजपत्र संसोधन कर नियमो को शिथिल कर रही है विषय बंधन को समाप्त कर दिया गया वही दूसरी तरफ सरकार ने अपने ही एक आदेश से लाखों बीएड धारी बेरोजगारों के भविष्य पर पानी फेर दिया ताजा मामला सहायक शिक्षक भर्ती २०२३ से जुड़ा हुवा है हजारों की संख्या में सहायक शिक्षक के रिक्त पदों पर भर्ती निकाला गया ०५ मई २०१९ के राजपत्र अनुसार सहायक शिक्षक के लिए न्यूनतम योग्यता बाहरवी पास व डीएड अथवा बीएड व टीईटी को पात्र माना गया सरकार के इसी राजपत्र के अनुसार अप्रैल माह के अंतिम में विभाग द्वारा भर्ती विज्ञापन निकाला गया पूरी भर्ती प्रक्रिया निर्देश का पालन करते लाखो की संख्या में बेरोजगारों ने आवेदन किया व्यापम ने पेपर लिया व परिणाम भी जारी कर मेरिट लिस्ट जारी कर दिया परिणाम जारी होने के बाद काउंसलिंग के एक दिन पूर्व कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए लाखो बेरोजगारों को भर्ती प्रक्रिया काउंसलिंग से पृथक कर दिया गया जिससे बीएड धारी बेरोज़गार जो नौकरी की उम्मदी लगाए २ साल मेहनत किये लाखो की फीस दिए उन सब मे शोक व आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी है बेरोजगार युवा अब सड़को में निकल लगातार राजधानी में प्रदर्शन कर रहे है।
नेता मंत्रियों ने किया मिलने से इंकार
इस मामले में बीएड संघ के पदाधिकारियों ने जब नेतावो के दरवाजों पर अपनी फरियाद रखी तो वहां से भी निराशा हाथ लगी नेतावो ने मिलनै से ही इनकार कर दिया संघ के पदाधिकारी अब मुख्यमंत्री जी से गुहार लगाने न्याय की उम्मदी कर रहे है।
विभाग व सरकार अपने ही आदेश से मुकर गए
अभ्यर्थियों ने अपना दुःख जताते हुए कहा कि हम लोगो ने अपना सब संपत्ति लगा २ साल मेहनत किया टेट पास किया विज्ञापन अनुसार सब प्रक्रिया किया लेकिन आज परिणाम के बाद काउंसिलिंग के पहले हमें बाहर कर दिया गया जो सरासर प्राकृतिक न्याय के विरुद्ध है जबकि इस मामले में अंतिम आदेश विचाराधीन है अभ्यार्थियों ने बताया कि इसी नियम के तहत ३ वर्षों से शिक्षकों की भर्ती किया गया तो आज सब कैसे गलत हो गया अभ्यार्थियों ने अब कोर्ट में अपना पक्ष रखने की बात कही है।

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