छत्तीसगढ़

देवालयों में उमड़े भक्त, नाग देवता का किया दुग्धाभिषेक

दंतेवाड़ा । नागपंचमी के पावन अवसर पर आज नगर के सभी शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। सावन माह के सातवें सोमवार के साथ ही नागपंचमी पडऩे से आज भक्तों में अपार उत्साह देखा जा रहा है। भक्तगण बड़े सबेरे स्नान कर शिवालयों में पहूंच पूजा अर्चना करते दिखाई पड़े। भक्तों ने शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक कर नागदेवता की पूजा अर्चना की। हिन्दू धर्म शास्त्रों के मुताबिक हिन्दू पंचांग की पंचमी तिथि के स्वामी शेषनाग हैं। वहीं पौराणिक मान्यताओं में नाग जाति की उत्पत्ति शिव कृपा से ही मानी गई है। यही कारण है कि शिव भक्ति के काल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर नाग पूजा व नागदेवता के दर्शन बहुत ही शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं में नागपूजा दरिद्रता और कलह दूर कर खुशहाली लाती है। वैवाहिक, संतान सुख और कामनाएं पूरी होती है। पुराणों के मुताबिक नागपंचमी के दिन घर के दरवाजे के दोनों तरफ नाग की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करने से नागराज प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनचाहा फल की प्राप्ति होती है। नागपंचमी पर आज भक्तों ने अपने घरों में गेहूं के आटे से निर्मित नाग-नागिन का चित्र बनाया उसकी पूजा की और नागदेवता से आर्शीवाद मांगा। नागपंचमी पर सपेरों को बुलाकर अपने घरों में नाग देवता को दुध भी पिलाया जाता है और इस तरह साक्षात नागराज के दर्शन व पूजन कर भक्त अपने को धन्य करते हैं। सोमवार के दिन नागपंचमी होने से आज भक्तों में नागपंचमी को लेकर दुगुना उत्साह है। सोमवार भगवान शिव पूजन का विशेष दिन होता है और शिवजी के गले में नागदेवता हमेशा लपटे रहते हैं। सावन का यह सातवां सोमवार व नागपंचमी के शुभ अवसर पर आज शिवभक्त देवालयों में पहुंचकर भगवान शिव के लिंग पर विराजमान नाग देव की पूजा कर दूध, नारियल, फल-फूल, बेलपत्र, शहद तथा चावल अर्पित कर शिवजी की आराधना की ।

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