सीआरपीएफ कैम्प ने गांव के बच्चों की जिंदगी बदली

बीजापुर । छत्तीसगढ़ के गुन्जेपरती (बीजापुर) जैसे नक्सल प्रभावित दुर्गम क्षेत्र में जहाँ एक समय केवल डर और असुरक्षा का माहौल था, अब वहाँ शिक्षा और विश्वास की नई रौशनी जगमगा रही है। गाँव के समीप 229 वीं वाहिनी केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ) का नया कैम्प स्थापित होने के बाद न केवल सुरक्षा का माहौल मजबुत हुआ है, बल्की स्थानीय प्राथमिक शाला स्कूल जो की नए कैम्प के समीप है के बच्चों के जीवन में बड़ा बदलाव आया हैं।
सी.आर.पी.एफ जवानों ने गाँव के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण की जिम्मेदारी उठाते हुए कई सामाजिक पहल शुरू की हैं। अब स्कूल के बच्चों को नियमित रूप से पौष्टिक भोजन, नाश्ता और मनोरंजन सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। जवान बच्चों के लिए कार्टून की फिल्मों की स्क्रीनिंग, प्रेरक कहानियों का सत्र और खेल गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं, जिससे बच्चों की स्कूल में रूचि बढ़ी हैं। यह इलाका लंबे समय से नक्सलवाद के साए में शिक्षा और विकास से वंचित रहा हैं। बच्चों का स्कूल आना भी एक चुनौती थी, लेकिन सी.आर.पी.एफ के जवानों की मौजूदगी में बच्चों और उनके अभिभावकों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया हैं। सी.आर.पी.एफ ने बच्चों को परडे, चप्पल, किताबें और स्टेशनरी जैसी आवश्यक वस्तुएं वितरीत की हैं। इसके साथही जवानों नें स्कूल के बच्चों के लिए चौबीस घंटे-सातों दिन प्राथमिक चिकित्सा सहायता की व्यवस्था भी की है, जिससे अब बच्चों की छोटी बीमारियों के लिए दूर अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ती । सी.आर.पी.एफ ने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए भी इस प्रकार की कई योजनाएं करते रहने का भरोसा दिलाया है, जिसमें शामिल है।
साप्ताहिक स्वास्थ्य शिविर स्कूल परिसर में शुद्ध पेयजल और स्वच्छता सुविधाएं मेधावी छात्रों के हर्षवर्धन हेतु आकर्षक पुरस्कार बच्चों के लिए खेलकूद प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन स्कूल भवन के सौंदर्याकरण और मरम्मत कार्य विद्यालय के अध्यापक पवन जी ने भी बताया कि पहले इस क्षेत्र में नक्सलवाद के साये में शिक्षा के लिए इतना सकारात्मक माहौल नहीं था, लेकिन सी.आर.पी.एफ के सहयोग से बच्चों में पढ़ाई के प्रति नया जोश देखने को मिल रहा है” छात्र गोविन्द की माताजी ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “पहले गोविन्द को स्कूल आने में डर लगता था पर अब कहता है की सी.आर.पी.एफ के अंकल हेमें नए कपड़े, किताबें और कार्टून फिल्में दिखाते हैं। अब स्कूल आना बहुत अच्छा लगता है। सी.आर.पी.एफ के कमांण्डेंट महोदय श्री चन्दम बॉबी सिंह, जी ने भी कहा कि हम केवल सुरक्षा प्रदान करने तक सीमीत नहीं हैं, बल्कि इस क्षेत्र के बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए पूरी तरह प्रतिब्द्ध हैं। हमारालक्ष्य है कि हर बच्चा शिक्षा से जुड़े और अपने सपनों को साकार करें।
सी.आर.पी.एफ की इस पहल ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की नींव रखी हैं। यह प्रयास गाँव के बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के साथ-साथ सुरक्षा बलों और स्थानीय समुदाय के बीच विश्वास और सहयोग की।