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छत्तीसगढ़

भागवत के अंतिम दिन कृष्ण-सुदामा मिलन की कथा

पत्थलगांव । एक सप्ताह से चली आ रही श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन ब्यासपीठ पर विराजमान आचार्य वेंकटेश शरण ने अनिरूद्ध प्रसंग,परीक्षित मोक्ष,श्री कृष्ण व गरीब सुदामा की दोस्ती पर प्रकाश डालते हुये अंतिम अध्याय का समापन किया,इससे पूर्व आचार्य वेंकटेश शरण द्वारा उद्धव संवाद,कंस वध एवं रूखमणी विवाह संपन्न कराया था। अधिक श्रावण मास के उपलक्ष्य मे अग्रवाल महिला मंडल द्वारा अग्रसेन भवन मे भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है,प्रत्येक दिन की भांति भागवत कथा आयोजन स्थल पर सैकडो की संख्या मे श्रद्धालु कथा का श्रवण करने के लिए उपस्थित थे। आचार्य वेंकटेश शरण द्वारा भागवत ब्यास की आरती करने के बाद कृष्ण की बाल लीलाओ का पुन: व्याख्यान करते हुये बचपन मे सुदामा के साथ उनकी दोस्ती का चित्रण पेश किया,सुदामा अपने वेश मे सजे श्रद्धालुओ के बीच जाकर झोली मे भिक्षा दान ले रहे थे,आचार्य वेंकटेश शरण ने बताया कि जब श्री कृष्ण द्वारा कंश का वध करने के पश्चात मथुरा मे आकर वहा का राजपाठ संभाल लिया तो उस दौरान गोकुल मे उनके बाल सखा सुदामा के पास एक वक्त की रोटी खाने के भी लाले पडे हुये थे ऐसे में जब सुदामा की धर्मपत्नी द्वारा सुदामा को मजबुर कर श्री कृष्ण के पास आर्थिक सहायता मांगने के लिए मथुरा भेजा गया तो वहा पहुंचकर सुदामा ने महल के बाहर खडे द्वार पहरीयो को कृष्ण का दोस्त होने की बात कही यह बात सुनते ही पहरीयों द्वारा उन पर हंसी के टहाके लगाने शुरू कर दिये,परंतु बार-बार सुदामा द्वारा महल के पहरियो से उनका संदेश कृष्ण तक पहुंचाने की जिदद की जा रही थी,तब उन पर दया खाकर एक पहरी ने सुदामा का संदेश श्रीकृष्ण के पास पहुंचा दिया। सुदामा के आने का संदेश मिलते ही श्रीकृष्ण बदहवास होकर नंगे पाव ही अपने सिहांसन से उठकर मथुरा के द्वार तक आ पहुंचे थे,उस दौरान उन्होने सुदामा की खराब हालत को देखकर तुरंत महल मे ले जाकर चरण धोते हुये जल को अपने माथे से लगा लिया,दोनो मित्रो की इस मित्रता को देखकर महल के सभी लोग हैरान हो गये थे।
बगैर कुछ मांगे ही सब कुछ मिल गया-आचार्य वेंकटेश शरण ने बताया कि लाजवस जब सुदामा अपने मितर्् श्रीकृष्ण से अपनी निर्धनता की बात कर नही पाये और वे बगैर कुछ मांगे उनसे घर लौटे तो उन्हे बगैर मांगे ही सब कुछ मिल गया। सुदामा जब गोकुल वापस लौटे तो उनकी कुटिया महल मे तब्दील होकर सभी सुख के संसाधन वहा स्वत: ही उपलब्ध हो गये। ब्यासपीठ पर विराजमान वेंकटेश शरण द्वारा अपने मुख से श्रीकृष्ण व सुदामा की दोस्ती का विवरण करते हुये मनुष्य को भी अपने जीवन मे ऐसी ही मित्रता का प्रतिसाद करने की बात कही।।
हवन पूर्णाहुति व भागवत की होगी विदायी-:अग्रसेन भवन मे विगत एक सप्ताह से चली आ रही श्रीमद भागवत कथा का दिन शुक्रवार को हवन पूर्णाहुति के साथ विदायी दी जायेगी। अग्रवाल महिला मंडल की अध्यक्ष एवं मुख्य यजमान श्रीमति पूजा अतुल अग्रवाल ने भागवत के समापन पर आयोजित भंडारे मे नगरवासियों को सम्मिलित होने की बात कही है।

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