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छत्तीसगढ़

बिजली की हर रोज होने वाली अघोषित कटौती से उपभोक्ता परेशान

दंतेवाड़ा । दंतेवाडा नगरवासी बिजली की आंख मिचौली से त्रस्त हो चुके हैं। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब बिजली की अघोषित कटौति यहां न होती हो। जब से बिजली विभाग का निजि कंपनियों में हिस्सेदारी हुई है तब से राज्य में बिजली कटौति की समस्या ज्यादा बढ़ गई है। बिजली विभाग के आला अधिकारियों के उदासीन रवैये से उपभोक्ताओं में खासा आक्रोश है। हर माह बिजली बिल की पूरी राशि अदा करने के बाद भी उपभोक्ताओं को बिजली की कटौती जैसी समस्या का सामना हर रोज करना पड़ रहा है।
शहर में 24 घंटे बिजली देने एवं बेहतर बिजली आपूर्ति का दावा करने वाली छत्तीसगढ़ की भुपेश सरकार का बिजली विभाग 24 घंटे तो बिजली दे नहीं पा रहा उल्टे दिन भर में कई बार अघोषित बिजली कटौती कर उपभोक्ताओं को परेशान अवश्य कर रहा है। शहर के कई ट्रांसफार्मर पुराने हो चुके हैं जिन्हें बदला नहीं जा रहा लोकल फाल्ट, ओव्हरलोड के चलते ट्रिपिंग की समस्या भी बढ़ती जा रही है जिसका भी परमानेंट ईलाज नहीं किया जा रहा। दंतेवाड़ा के कैलाशनगर मोहल्ले की बात करें तो यहां स्थित ट्रांसफार्मर में लगे कई कटाउट पुराने होकर खराब हो चुके हैं जिसके चलते आए दिन फयूज उडऩे की समस्या आती है। कटाउट नया लगाने के लिए मोहल्ले के लोगों ने कई बार मौखिक रूप से बिजली अधिकारियों को बताया है मगर नया कटआउट उपर से नहीं आने की समस्या बताकर लाईनमेन पुराने कटआउट को ही किसी तरह जुगाड़ से ठीक कर चले जाते हैं दूसरे दिन फिर वही समस्या सामने आती है। लाईट गुल होने पर शिकायत लिखवाने जब बिजली कार्यालय में उपभोक्ता लैंडलाइन पर फोन लगाते हैं तो वहां डयूटी पर कर्मचारी फोन ही रिसिव नहीं करते। ज्यादातर तो वहां का फोन हमेशा खराब ही रहता है आखिर इसका जिम्मेदार कौन है? आखिर आम उपभोक्ताओं की क्या गलती है जो उन्हें इस तरह से परेशान किया जाता है। एक तो बिना सूचना बिजली की अघोषित कटौति की जाती है उपर से बिजली गुल होने की सूचना देने पर फोन नहीं उठाना यह बतलाता है कि यहां बिजली विभाग किस तरह अकर्मण्य बना हुआ है। विभाग के उच्चाधिकारी को भी फोन पर समस्या बताने तथा व्हाटसअप संदेश देने पर भी उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जाती इससे प्रतीत होता है कि विभाग के आला अफसर भी कुंठित मानसिकता से ग्रस्त हैं । वे समस्या का स्थाई समाधान करना नहीं चाहते। जिसका खामियाजा यहां के उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है।

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