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छत्तीसगढ़

बच्चों ने बताया कि वह क्या बनना चाहते हैं?

कवर्धा । सपनों की दुनिया में जब बच्चों से उनके भविष्य की बात की जाए, तो उनके मासूम जवाब दिल छू जाते हैं। वैष्णवी मिश्रा का मानना है कि शिक्षक समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और बच्चों को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। उसने कहा, मुझे हमेशा से बच्चों को पढ़ाने और उनकी मदद करने का मन करता है। मैं अपने जैसे और बच्चों को पढ़ा-लिखाकर उनके सपनों को पूरा करने में मदद करना चाहती हूं। दूसरी तरफ, छोटी सी प्यारी बच्ची वैभवी मिश्रा का सपना कुछ अलग है। पांच साल की नन्हीं वैभवी बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहती है। उसकी आंखों में अपने सपने को लेकर एक खास चमक है। वैभवी ने मुस्कुराते हुए बताया, मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं, ताकि बीमार लोगों का इलाज कर सकूं और उन्हें ठीक कर सकूं। उसके इस मासूम से जवाब ने सभी का दिल जीत लिया। वह अपनी बातों से ही बता देती है कि उसके मन में दूसरों की मदद करने की कितनी गहरी भावना है। बच्चों के इन मासूम सपनों ने हर किसी को इमोशनल कर दिया। राघवेश अग्रवाल ने बताया की आर्मी बनकर देश की सेवा करूंगा और अयांश प्रधान ने बताया की बड़ा होकर कलेक्टर बनूंगा । वेदांत दुबे ने बताया की मेरा सपना डॉक्टर बनना है । रामकृष्ण स्कूल के छात्र कान्हा मिश्रा ने कहा की मेरा सपना है डॉक्टर बनकर गांव में अच्छे से लोगों का इलाज कर सकूं । बच्चों से बात करके ऐसा लगता है उनके सपने जरूर साकार होंगे ।

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