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छत्तीसगढ़

सचिवों ने बैठक का बहिष्कार कर अधिकारी पर मनमानी का लगाया आरोप

पत्थलगांव । दिन बुधवार को जनपद पंचायत सभागृह में विभागीय कार्यों की समीक्षा को लेकर पंचायत सचिवों की बैठक बुलायी गई थी,बैठक शुरू होने से पहले ही ब्लाक के सचिव अपनी मांग एवं अधिकारियों की मनमानी के विरोध में बैठक का बहिष्कार कर बाहर आ गए। पंचायत सचिवो का आरोप है कि जनपद सी.ई.ओ की मनमानी के कारण उनके काम अटके हुए हैं,इसी तरह हर महीने सचिवों का वेतन बिना कारण रोक दिया जाता है,सभी सचिवों ने एकमत बैठक का बहिष्कार करते हुवे अपनी मांग को लेकर सभी सचिव यहा पदस्थ जनपद अधिकारी टी.डी मरकाम के चेम्बर पहुंच गये और अपनी समस्याओं से रूबरू कराते हुवे समाधान निकालने का निवेदन किया, जिसके पश्चात् जनपद अधिकारी टी.डी मरकाम ने उनकी मांगो पर तत्काल विचार करने का आश्वासन दिया गया,जिसके बाद बैठक सुचारू रूप से सम्भव हो सकी। दरअसल ग्राम पंचायत सचिवों का आरोप था की मनरेगा के कार्य पूर्ण होने के बावजूद भुगतान की प्रक्रिया को अटका दिया जाता है,जबकि मनरेगा का भुगतान विंडो कई बार ओपन हो चूका है,परन्तु अधिकारी भुगतान फाईल पर साईन करना छोड़कर सभी फाईल को किनारे रख देते है। वही निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप गोबर खरीदी नही होने से वेतन तक रोक दिया जाता है,साथ ही जितना गोबर खरीदी ही नहीं हुआ है उसके अनुपात में काफी ज्यादा वर्मी कमपोस्ट की इंट्री चढ़ाए जाने से पंचायत पर बेवजह का दबाव बनाया जा रहा है।।
वेतन डाटा भेजने में भी लेटलतीफी-:पंचायत सचिवों का कहना था की वे शासन के सभी कार्यो को समयावधि में पूरा करने अपना शत प्रतिशत योगदान देते आ रहे है,परन्तु हमेशा उनपर अतिरिक्त कार्यो को लेकर दबाव बनाया जाता है जब कार्य पूर्ण हो जाते है तो पेमेंट को लेकर घुमाना शुरू कर दिया जाता है। पंचायत सचिवो का कहना था कि उनका वेतनपे का डाटा 25 तारीख तक जिला पंचायत पहुंच जाना चाहिए,परंतु डाटा भेजने में भी लेट लतीफी किया जाता है,साथ ही अत्यंत आवश्यक होने पर आकस्मिक अवकाश की मांग पर अवकाश देने पर भी रोक लगा दिया जाता है,जिसके पश्चात् जनपद अधिकारी डा टी डी मरकाम ने उनकी मांगो पर तत्काल विचार करने का आश्वासन दिया और बैठक को सुचारू रूप से आयोजित किया गया।

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