शाम होते ही शुरू हो जाता है मवेशीराज
दंतेवाड़ा । नगर पालिका परिषद दंतेवाड़ा की अकर्मण्ता एवं सुस्त कार्यप्रणाली के चलते शाम घिरते ही चौक चौराहों पर तथा मुख्य सड़कों पर मवेशी राज कायम हो जाता है। सड़कों पर एक तरह से जानवरों का अघोषित कब्जा सा हो जाता है। शहर का कोई सा ऐसा चौक व सड़क नहीं बचता है जहां शाम के वक्त ये जानवर सड़कों को न घेर लेते हों। आवंराभाटा कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने से लेकर 3 किमी आगे शहर के स्टेट बैंक चौराहे तक सैकड़ों की संख्या में झुण्ड के झुण्ड मवेशियों को सड़कों एवं चौराहों पर विचरण करते व बैठे हुए देखा जा सकता है। सड़कों को घेरे बैठे बेजुबान जानवरों को हटाने का प्रयास कोई नहीं करता। गाय को गौ माता का दर्जा देकर पूजने वाले तथा गौरक्षा की बड़ी बड़ी बातें करने वाले यूं तो बहुत से लोग हैं लेकिन जब इन मवेशियों की रक्षा सुरक्षा की बात आती है तो सभी चुप हो जाते हैं। कोई भी आगे आकर इनकी सुध नहीं लेता। सड़कों से मवेशियों को हटाने की पहल कोई नहीं करता है। ये वाकई काफी चिंता का विषय है। सड़कों पर मवेशियों के बैठने से आए दिन छोटे बड़े सड़क हादसे हो रहे हैं। पशुएं आपस में लडते हैं और किसी न किसी के वाहन को गिराकर गिरा देते हैं तो कभी किसी के बाईक की डिक्की में रखे जरूरी कागजात व अन्य सामाग्री को झपट कर चट कर देते हैं। कभी कभी तो अचानक से ये मवेशी किसी वाहन के आगे जा जाते हैं जिससे अक्सर दुर्घटना भी हो जाया करती है। जानवर खुद भी घायल होते हैं और वाहनों को तथा जानमाल का भी नुकसान पहुंचाते हैं। सड़कों पर बैठने के चलते अब तक सड़क दुर्घटना में कई मवेशियों की मौत भी हो चुकी है। आवारा मवेशियों से नगर के आमजन बेहद परेशान हैं। देखने में तो यह आम समस्या जैसी लगती है लेकिन इन मवेशियों के वजह से जब कभी कोई घटनाएं होती है तो फिर नुकसान भी बड़ा होता है। मगर नगर पालिका प्रशासन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसा लगता है कि आवारा मवेशियों से निपटने का कोई प्लान फिलहाल पालिका के पास नहीं है। जब तक इन मवेशियों के वजह से कोई बड़ा हादसा न हो जाए किसी खास रसूखदार व्यक्ति की जान आफत में न आ जाए तब तक जिम्मेदार लोगों की आंखें नहीं खुलेंगी और ऐसा प्रतीत होता है कि किसी बड़े हादसे का ही नगर पालिका इंतजार कर कर रही है।