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छत्तीसगढ़

शिक्षक स्वयं अनुशासित रहकर बच्चों और स्कूल में अनुशासन बनाए रखें:कलेक्टर

बीजापुर । उसूर एवं भोपालपटनम ब्लाक में शिक्षा विभाग की ब्लाक स्तरीय समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा ने ब्लाक के सभी शिक्षक, प्रधान पाठक, संकुल समन्वयक, बीआरसी, मंडल संयोजक, छात्रावास एवं आश्रम अधीक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक समाज का दर्पण होता है, छात्र-छात्राओं के लिए आदर्श होता है, शिक्षकों के बातो का अनुकरण विद्यार्थी सहज ही करते है। इसलिए एक शिक्षक को हमेशा आदर्श स्थापित करना चाहिए प्राप्त संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हुए स्कूल की व्यवस्थाओं एवं शिक्षा मे गुणवत्ता लाने के लिए निरंतर प्रयासरत होना चाहिए। शिक्षक स्वयं अनुशासित रहकर छात्रों में अनुशासन बनाए रखें, विशेषकर हाईस्कूल एवं हायरसेकंडरी के बच्चे किशोरावस्था में होते हैं। इस उम्र के बच्चों को सही रास्ता दिखाना एवं शिक्षा देना आवश्यक होता है ताकि गलत रास्तों पर न चले। स्कूल का वातावरण रोचक बनाने, बच्चों को स्कूल के प्रति रूचि उत्पन्न करने, पालकों को स्कूल की गतिविधियों से अवगत कराने सहित स्कूल की व्यवस्था को सुधारने के लिए शाला प्रबंधन समिति की बैठक नियमित आयोजित करें, शाला प्रबंधन समिति के सदस्य सक्रिय एवं जागरूक हो स्कूल की गतिविधियों बच्चों की पढ़ाई के प्रति संवेदनशील हो ऐसे पालकों को चयन करें। शाला परिवेश में साफ-सफाई, गार्डन, लर्निंग कार्नर, शौचालय उपयोग की स्थिति में हो मध्यान्ह भोजन के संचालन में विशेष ध्यान देने की जरूरत है, बच्चो को पौष्टिक आहार मध्यान्ह भोजन के रूप में मिले, किचन की साफ-सफाई नियमित हो, खाना बनाने वाले बर्तनों की नियमित सफाई हो, सब्जी, दाल एवं अन्य खाद्य सामग्री गुणवत्ता पूर्वक होनी चाहिए। मीनू का पालन सुनिश्चित हो मध्यान्ह भोजन प्रभारी नियमित रूप से मध्यान्ह भोजन का मानिटरिंग करें। मध्यान्ह भोजन एवं पीने हेतु साफ पानी का उपयोग हो, स्कूल परिसर में घास-फूस, झाड़ी का नियमित सफाई हो, बरसात के समय में विशेष ध्यान रखें, सांप, बिच्छु का खतरा बना रहता है। कलेक्टर श्री कटारा ने कहा कि आवासीय स्कूलों में बच्चों की स्वास्थ्य, सुरक्षा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। बालिकाओं का शौचालय अच्छी स्थिति में हो, कोई भी विद्यार्थी शौच के लिए बाहर न जाए, स्कूल भवन, छात्रावास, आश्रम में किसी भी प्रकार की मरम्मत की स्थिति हो त्वरित सूचित करें, जर्जर भवन में बच्चों को न रखे।जिले में शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाना जरूरी है, विपरीत परिस्थिति में हमें मिल-जुलकर समस्याओं को सामना करते हुए शिक्षा में गुणवत्ता लाना सबकी जिम्मेदारी है। जिले के कुछ स्कूल एकल शिक्षकीय है वहां भी स्थानीय स्तर पर शिक्षकों की व्यवस्था के लिए प्रयासरत रहना आवश्यक है।कलेक्टर ने कहा कि वह स्वयं शिक्षक के रूप में कार्य कर चुके हैं। शिक्षकों की समस्याओं को भलिभांति समझते हैं, फिर भी हमें अपना कार्य पूरी मेहनत और लगन से करनी चाहिए। स्कूल के सभी शिक्षकों का फोटोयुक्त पदनाम और योग्यता सहित विशिष्ट उपलब्धि वाले शिक्षकों को उनकी उपलब्धि का विवरण सूचना पटल पर अनिवार्य रूप से अंकित करें। वहीं स्कूल से पढ़े बच्चे जो विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल किया ।
हो उनका भी फोटो और विवरण सूचना बोर्ड पर लिखा हो ताकि विद्यार्थी सफलता अर्जित करने के लिए प्रेरित हो सके। बैठक में कलेक्टर ने स्कूल एवं शिक्षा में गुणवत्ता लाने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री बलीराम बघेल, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री केएस मसराम, डीपीसी श्री विजेन्द्र राठौर सहित ब्लाक स्तर के अधिकारीगण शामिल थे।

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