https://tarunchhattisgarh.in/wp-content/uploads/2024/03/1-2.jpg
छत्तीसगढ़

फुटपाथ में रेलिंग लगाए जाने के मसले पर पुजारी ने खड़े किए सवाल

दंतेवाड़ा । नगर के मुख्य मार्ग के साईड में फूटपाथ को लोहे की रेलिंग लगाकर घेराबंदी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। दंतेश्वरी मंदिर के प्रधान पुजारी ने ही अब इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं और कहा है कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं थी रेलिंग लगाकर पाथ वे की घेराबंदी से मेला मंडई एवं अन्य अवसरों पर बैठकर व्यापार करने वालों के लिए जगह नहीं बचेगी। ऐसे में प्रसिद्ध फागुन मेला आयोजन पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा।
बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर के प्रधान पुजारी हरेंद्र नाथ जिया बाबा से जब नगर के मुख्य मार्ग पर फूटपाथ की जगह को घेराबंदी कर उसे लोहे की रेलिंग लगाकर बंद करने के विषय पर उनकी राय पुछी गई तो उन्होने कहा कि उन्हें पता ही नहीं कि रेलिंग कौन लगवा रहा है? उन्हें इसकी कोई सूचना मंदिर कमेटी से नहीं दी गई है। कुछ ऐसा ही जवाब मंदिर कमेटी के अन्य सदस्यों का भी सामने आया है। बता दें कि मुख्य सड़क किनारे स्थित दंतेश्वरी तालाब व सड़क के साइड की जमीन टेंपल कमेटी के अधीन आती है ऐसे में माईजी के भूमि से सटी जमीन पर कोई भी कार्य मंदिर कमेटी के संज्ञान में लाए बिना कराए जाने की परंपरा नहीं रही है। फूटपाथ पर रेलिंग लगाने का कार्य प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। बता दें कि कलेक्टर ही मंदिर कमेटी के अध्यक्ष होते हैं। मंदिर एवं माईजी की भूमि पर कोई भी कार्य होने से पहले कमेटी में मामला रखा जाता है सर्व सम्मति से फैसले लिए जाने के बाद ही कार्य की शुरूआत की जाती है। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं क्या प्रशासन मंदिर कमेटी को विश्वास में लिए बगैर एक तरफा कार्य कर रहा है? शायद यही वजह है कि अब टेंपल कमेटी के अन्य सदस्य एवं मंदिर के प्रधान पुजारी तक ने फूटपाथ पर रेलिंग लगाने के कार्य से अनभिज्ञता जाहिर की है उनका कहना है कि कमेटी में विषय रखना चाहिए था। पुजारी हरेंद्र नाथ ने कहा कि वैसे भी मेला मंडई की भूमि अब बची नहीं है मुख्य सड़क के साइड में सीमेंट से बनाए गए उंचे फूटपाथ पर बैठकर गांव देहात के छोटे ग्रामीण व्यापारी मेला मंडई एवं तीज त्यौहारों पर अपना सामान बेचते थे उक्त जगह की भी फीट के हिसाब से राशि चुकाते थे लेकिन अब घेराबंदी कर दिए जाने से फूटपाथ पर भी बैठकर कारोबार के लिए भी जगह नहीं रहेगी। प्रशासन को इस पर पुर्नविचार कर जनहित में रेलिंग लगाने के कार्य को स्थगित करते हुए इसे फौरन हटा लेना चाहिए ।

Related Articles

Back to top button