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छत्तीसगढ़

नवरात्रि का चौथा दिन, मां कुष्मांडा की हो रही पूजा

भिलाई । चैत्र नवरात्रि का महापर्व पूरे उत्साह एवं श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। आज चौथे दिवस माँ दुर्गा के चौथे स्वरूप देवी कुष्मांडा की पूजा अर्चना की जा रही है। मान्यता है कि माँ कुष्मांडा की कृपा से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। माँ कूष्मांडा अष्ट भुजाओं वाली देवी हैं। उनकी भुजाओं में बाण, चक्र, गदा, अमृत कलश, कमल और कमंडल सजे हैं। वहीं दूसरी भुजा में वह सिद्धियों और निधियों से युक्त माला धारण किए हुए हैं। मां कूष्मांडा की सवारी सिंह है। भक्त गण घरों से लेकर मंदिरों तक शक्ति की पूजा कर चराचर के मंगल की कामना कर रहे हैं। शीतल मंदिर में दुर्गा सप्तशती का पाठ चल रहा है।
जय अम्बे रामधुनी की शानदार प्रस्तुति
मां कल्याणी वासंती चैत्र नवरात्रि पर्व के दूसरे दिन महा आरती की पश्चात् जय मां शीतला सेवा समिति, महुआरी मरोदा व जय शताक्षी सेवा भजन मंडली, रिसाली के द्वारा माता जस गीत की प्रस्तुति के साथ रात्रिकालीन मंचीय प्रस्तुतियों की शुरुआत हुई। प्रमुख आकर्षण जय अम्बे रामधुनी दल कजराबांधा (गुण्डरदेही) द्वारा राम-वनवास कथा प्रसंग पर आधारित झांकी रहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर पालिक निगम रिसाली के सभापति केशव बंछोर थे। अध्यक्षता निगम के एम. आई. सी. मेंबर सनीर साहू ने की। विशेष अतिथि के रूप में क्षेत्रीय पार्षद सरिता देवांगन, विलास बोरकर व भरत वर्मा उपस्थित थे। इस दौरान उपस्थित अतिथियों को समिति द्वारा सम्मानित किया गया, तथा रामधुनी गायक परमेश्वर साहू का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में, समिति संरक्षक पुन्नू यादव, अध्यक्ष अरुण वर्मा सहित, तेजराम साहू, चोवाराम निषाद, रमेश वर्मा, पूनमचंद सपहा, माधव मांझी, जी. एल. नायक, मुक्तार यादव, शंभू निषाद, विमलदास मानिकपुरी, भूखा यादव, संतोष यादव व दादू आदि उपस्थित थे। 25 मार्च को संगी जंहुरिया फाग झांकी परिवार (छिपली, मगरलोड, धमतरी) तथा 26 मार्च को पंचमी के अंतर्गत बाना परघौनी व विशेष पूजा-अर्चना के पश्चात रात्रि 9 बजे महतारी के कोरा, (देऊरगांव, साजा) की नयनाभिराम प्रस्तुति होगी।

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