पूर्व सेवा की हड़ताल में आना होगा पंडाल में,ओपीएस की जंग जारी
दंतेवाड़ा । छतीसगढ़ में 2004 से नई पेंशन लागू की गई थी, सरकारी छल ही है कि देश, प्रदेश मे नई, पुरानी 2 पेंशन लागू थी, सर्वमान्य सत्य है कि नीति नियंताओ को पुरानी व कार्मिकों को नई पेंशन देना तय किया गया, समय के साथ कार्मिक खाली हाथ रिटायर होते गए, आंशिक पेंशन में रिटायर होते गए, ऐसे में नई पेंशन का विरोध शुरू हुआ, जो अब देश भर में जारी है।
इस बीच जागरूकता के कारण छत्तीसगढ़ में भी जोर शोर से पुरानी पेंशन की मांग जोर पकड़ चुका था, इसे संज्ञान में लेते हुए, राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाकर छत्तीसगढ़ ने राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन देने की घोषणा की, जिसका कार्मिकों ने जोरदार स्वागत किया, मुख्यमंत्री जी की यह क्रीम योजना जब जमीन में घाघ अफसरों ने उतारा तो खासकर शिक्षको की हवाइयां उड़ गई।जो लड़ाके शिक्षक है वे याद करें कि जब जब चुनाव पूर्व का वर्ष होता है, हम लाभ लेने में सक्षम रहे है, छोटे छोटे विषय हल होते रहे मगर विधानसभा हमेशा हमारा मिशन रहा है, 2003 के चुनाव के पूर्व एक नया वेतनमान मिला, 2008 चुनाव के पूर्व 2007 में नया वेतनमान मिला, 2013 चुनाव के पूर्व शिक्षक समतुल्य वेतनमान मिला, 2018 चुनाव के पूर्व संविलियन मिला, इस वर्ष 2023 में चुनाव है, यह समय हमारे लिए संदेश है।शिक्षक जब जब एक रहे उक्त लड़ाई लड़कर जीतते रहे, 2018 के बाद वर्गवाद का बिखराव हुआ पर अब तक लगातार संघर्ष के बाद परिणाम शून्य ही है, छाती पीटने व तथ्यहीन बात से लाभ नही मिलता बल्कि तथ्य के साथ शासकीय व्यवस्था प्रभावित करने से मुद्दा निर्णायक बनता है। इस वर्ग को भी जो लाभ मिला वह साथ मे ही मिला, पूर्व सेवा गणना शिक्षक मोर्चा किसी वर्ग विशेष या रिटायर होने वाले के लिए ही नही है, बल्कि सभी वर्ग – संवर्ग का है और सेवा जिसने प्राप्त किया है, उसकी सेवा समाप्त भी होगी। अभी पुरानी पेंशन, पूर्ण पेंशन, वेतन निर्धारण विसंगति, क्रमोन्नति, पदोन्नति, व्याख्याता को वन टाइम रिलेक्सेशन के विषय समाहित है।जून 2028 तक रिटायर होने वाले वर्तमान नियम से पुरानी पेंशन के विकल्प चयन के बाद भी पात्रता में नही आएंगे, उन्हें पेंशन नही मिलेगा, 2018 के बाद से 10 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षको को पुरानी पेंशन की पात्रता तो होगी, पर ज्यादा सेवा अवधि पूर्व का होने के कारण आंशिक न्यूनतम पेंशन ही बनेगा, अत: पेंशन की पात्रता होने के बाद भी पूर्ण पेंशन व पेंशन राशि वृद्धि के लिए संघर्ष अति आवश्यक है।
पुरानी पेंशन सेवा के बाद के लिए जीवन का आधार है, इसकी गंभीरता को एकता के वाहक मुख्य संघो ने समझते हुए और मिशन 2023 के अभियान में मिलकर रणनीति बनाया है, अभी आरम्भ है, पर हमारे पास समय है, पुरानी पेंशन के लिए शिक्षक वर्गभेद को मिटाकर ही बुढ़ापे को संवारा जा सकता है, इसके लिए संविलियन से भी ज्यादा समर्पित होने की आवश्यकता है।