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छत्तीसगढ़

भ्रष्टाचार के कारण एक वर्ष में ही दरक गई 803.55 लाख की सड़क

देवभोग। साल भर पहले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत मांझीपारा से बरकानी तक बने पीएम सड़क में भ्रष्टाचार का घुन लग गया है। साल भर पहले बनाये गए इस सड़क में भ्रष्टाचार की दरारें दिखने लगी है। स्थिति यह है कि सड़क में दरारें पडऩे के साथ ही गिट्टियां उखडऩे लगी हैं। वहीं दरकता सड़क देखकर ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के गुणवत्ता पर सवाल उठाना भी शुरू कर दिया है। ग्रामीणों की माने तो सड़क निर्माण के दौरान गुणवत्ता के पैमानों को ताक पर रखकर यह सड़क का निर्माण किया गया था, इसी का नतीजा है कि साल भर में ही सड़क ने जिम्मेदारों के द्वारा किये गए घटिया और गुणवत्ताहीन कार्यों की पोल खोल कर रख दिया। यहां बताना लाजमी होगा कि मांझीपारा से बरकानी तक करीब 13.100 किलोमीटर का सड़क करीब 803.55 लाख की लागत से 10 जनवरी 2022 को पूर्ण किया गया था।
अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से हो रहा घटिया निर्माण: घूमरगुड़ा, बरकानी, घोघर और मांझीपारा के ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाई विभाग पर आरोप लगाया है कि विभाग के संरक्षण के चलते ठेकेदार इस तरह का घटिया और स्तरहीन काम को अंजाम देकर निकल जाते है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि काम के दौरान भी विभाग के जिम्मेदारों ने कार्यस्थल पर पहुँचकर मटेरियल की गुणवत्ता को जाँचने में कोई रूचि नहीं दिखाया और ना ही काम का निरीक्षण करने पहुँचे। इसी का नतीजा है कि ठेकेदार ने मनमानी करते हुए काम को थूकपालिश तरीके से अंजाम दे दिया। ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए अधिकारी कभी कभार पहुंचते थे, वहीं ठेकेदार से चर्चा कर लौट जाते थे। ग्रामीणों ने कहा कि अधिकारी के ढुल मुल रवेये के कारण करोड़ों रूपये का यह सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।

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