खनिज विभाग की मौन स्वीकृति से नहीं थम रहा महानदी में अवैध रेत उत्खनन
कसडोल । बलौदाबाजार जिला कसडोल विकासखंड मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत मोहतरा के आश्रित ग्राम चिचपोल घाट पर इन दिनों रेत माफिया द्वारा महानदी के छाती को लगातार छलनी किया जा रहा है।
यहां अवैध रेत खनन जोरों से बिना किसी रोक-टोक और बेखौफ के चल रहा है। नियम विरुद्ध दिन-रात बड़ी संख्या में हाईवा वाहनें दौड़ रही है। जबकि रेत खनन का समय सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक निर्धारित है। पर ऐसा नहीं हो रहा है ।
इस घाट में दिन में कम और रात में अधिक हाईवा वाहनें देखने को मिल रही है, ओवरलोडिंग रेत भरी वाहनों से एक तरफ सड़क जर्जर हो रही है वहीं दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है। भारी वाहनों की आवाजाही से चिचपोल, रानी मोहतरा, मोहतरा, गोरधा, चांटीपाली एवम् दर्रा के ग्रामीण लगातार परेशान हैं। यही कारण की ग्राम पंचायत मोहतरा के सरपंच, पंचगण एवं ग्रामीण जन समाचार पत्रों के माध्यम से चिचपोल घाट को बंद कराने की मांग लगातार कर रहे हैं। खास बात यह है कि रेत चिचपोल घाट पर महानदी से निकाला जा रहा है और घाट पर ही पर्ची हरदी घाट के रेत भंडारण का ( ए डी एंड कंपनी द्वारा ) काटा जा रहा है। इसका कारण खरीदने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियां बिना रायल्टी पर्ची वाले वाहन का रेत नहीं खरीदते है। इसीलिए अपने अवैध रेत को खपाने के लिए कहीं का भी पर्ची थमाया जा रहा है। संवाददाता द्वारा हरदी घाट एवं उनके भंडारण स्थल का निरीक्षण करने पर पाया गया कि हरदी घाट बंद है और रेत भंडारण स्थल खाली पड़ा हुआ है। फिर भी चिचपोल घाट पर हरदी रेत भंडारण केंद्र का पर्ची दिया जा रहा है।
रेत माफियाओं के काले कारनामे को खनिज विभाग के अधिकारी भी अच्छी तरह जानते हैं पर उनकी जेब गर्म कर दी गई है इसलिए वह सब कुछ जानते हुए भी मौन हैं। खनिज विभाग की मौन स्वीकृति से ही यह सब गोरखधंधा चल रहा है, यही कारण है कि रेत माफियाओं का हौसला बुलंदी पर है और उनमें जरा भी प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही का खौफ नजर नहीं आता है। जबकि पिछले कुछ दिनों पूर्व ही बलौदाबाजार जिले के कलेक्टर रजत बंसल ने सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें गैरकानूनी कारोबार पर अंकुश लगाने का निर्देश जारी किया था। इसके बावजूद खनिज विभाग पर इसका कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है। इस संबंध में जिला खनिज अधिकारियों का वही रटा-रटाया जवाब हमेशा से सुनने को मिलता है कि यदि ऐसा हो रहा है तो बहुत गलत है जांच कर कार्यवाही की जाएगी! कितने भोले हैं खनिज विभाग के अधिकारीगण।