एक दशक बाद भी नहीं बन पाया महिला सुलभ शौचालय
पत्थलगांव। एक दशक से भी अधिक का समय बीतने के बाद भी शहर के एक मातर्् बस स्टैन्ड मे अब तक महिला सुलभ शौचालय नही बन पाया है। विडंबना यह है कि नगर पंचायत के खुद के क्षेत्र मे उनके पास महिला शौचालय बनाने के लिए जमीन के लाले पडे हुये है। नगर पंचायत के सी.एम.ओ जितेन्द्र बहादुर पटेल ने बताया कि बस स्टैन्ड के पास जमीन की तलाश की जा रही है,जमीन मुहैया होते ही महिलाओ के लिए सुलभ शौचालय का निर्माण करा दिया जायेगा। यह विडंबना महिलाओ की पिछले दस सालो से भी अधिक समय से चली आ रही है,उसके बाद भी नगर पंचायत अब तक अपनी ही जमीन मे सुलभ शौचालय के लिए जमीन नही ढूंढ पाया। दरअसल दो दशक पूर्व यात्री महिलाओ को सुलभ की सुविधा पहुंचाने के लिए यहा के बस स्टैन्ड के बाजु मे एक शौचालय बनाया गया था,परंतु नगर पंचायत एवं राजस्व अमले ने एक दशक पूर्व नया शौचालय बनाने के नाम पर पुराने शौचालय को तोड दिया,जिसके बाद से बसो मे यात्रा करने वाली महिलायें यहा का बस स्टैन्ड पहुंचकर शौच क्रिया निपटाने के लिए सुलभ शौचालय की आस मे इधर-उधर घुमती दिखायी देती है। ऐसा मंजर लगभग हर यात्री बस के यहा पहुंचने के बाद देखा जा सकता है,शहर के बस स्टैन्ड की ऐसी हालत देखकर यात्री महिलायें यहा की अव्यवस्था पर काफी बिफरी दिखायी देती है,परंतु वे अपने गुस्से को बस की सीटो तक की समेटकर रह जाती है। लंबा अर्सा बीतने के बाद भी शहर के बस स्टैन्ड मे महिला यात्री शौचालय की कमी रहना यहा का प्रशासनिक अमला के साथ-साथ यहा के जनप्रतिनिधियों के मुंह पर भी एक कडा तमाचा जडने के समान है।।
नगर पंचायत में बैठी महिला अध्यक्ष- तीन साल के अंतराल मे नगर पंचायत के अध्यक्ष पद की कुर्सी मे दो महिलाओ ने अपनी जिम्मेदारी संभाली है,परंतु इन महिलाओ ने कभी भी बस स्टैन्ड के भीतर यात्री महिलाओ की सुरक्षा एवं सुलभ की सुविधा के लिए शौचालय बनाने की योजना पर काम नही किया। दो सालो तक कमल की डोर पकडकर पहली महिला अध्यक्ष ने नगर पंचायत मे अपना कार्यभार संभाला। उनके अविश्वास प्रस्ताव के बाद वर्तमान मे पंजा की डोर पकडकर अध्यक्ष पद पर दूसरी महिला जनप्रतिनिधि काबिज है,परंतु इसे शहर का या फिर उन यात्री महिलाओ का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि महिला जनप्रतिनिधि होने के बाद भी महिलाओ की इस विडंबना की ओर उनका ध्यान नही गया।।
फंड एवं आबंटन की नही है कोई कमी-नगर पंचायत के उपाध्यक्ष श्यामनारायण गुप्ता ने बताया कि बस स्टैन्ड मे यदि महिला शौचालय का निर्माण कराया जाता है तो उसके लिए जगह एवं फंड की नगर पंचायत मे कोई कमी नही है। उनका कहना था कि इस ओर यहा के जनप्रतिनिधियों के अलावा अधिकारी रत्ती भर भी ध्यान नही देते,यही कारण है कि लंबा अर्सा बीतने के बाद भी शहर के बस स्टैन्ड को महिला शौचालय नही मिल सका,जिसके कारण महिलाओ को सुलभ की असुविधा के साथ-साथ उनकी सुरक्षा पर भी यहा के बस स्टैन्ड मे सेंध लग रही है।।