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छत्तीसगढ़

अमिताभ बच्चन से भाई महावीर ने की मुलाकात

खरसिया । सदी के महानायक बिग बी अमिताभ बच्चन की अभिनय प्रतिभा और उनके विराट व्यक्तित्व से विश्व के लोग कायल हैं। साथ ही उनकी एक झलक पाने व उनके संग क्षणभर व्यतीत करना भी बड़े ही सौभाग्य की बात होती है। साथ ही लंबे अरसे तक प्रतीक्षा भी करनी पड़ती है, तब भी उनका सामिप्य नहीं मिल पाता और ना ही एक झलक भी नहीं मिल पाती। जब उनके साथ किसी को सामिप्य मिलता है, उनके साथ जब पल भर के लिए भी आत्मीय मुलाकात होती है तो उस क्षण के खुशी के पल को बयां करने से ही उस शख्स का हृदय आत्मीय स्नेह से भर जाता है साथ ही श्रद्धा से उसके नयन भी सजल हो जाते हैं। कुछ यूँ ही सुअवसर मिला शहर के नामचीन समाजसेवी बेहद मृदुभाषी व्यक्तित्व के धनी भाई महावीर अग्रवाल जिनकी मुलाकात जब सदी के महानायक से हुई तो उनके लिए वह क्षण जीवन भर का आत्मीय सुखद क्षण बन गया जो अब सदैव जेहन से विस्मृत होना उनके लिए नामुमकिन है।
केबीसी सेट पर हुई मुलाकात
भाई महावीर ने बताया कि विगत 6 सितंबर को केबीसी के सेट पर सदी के महानायक बिग बी से मुलाकात करने का मुझे परम सौभाग्य मिला। मेरी बरसों से दिली ख्वाहिश थी कि उनसे आत्मीय मुलाकात हो और उनका दिल से सम्मान व उन्हें नमन् करने का सौभाग्य मिले। वक्त और तक़दीर ने भी मेरी बरसों की अंतस विकलता को समझते हुए साथ दिया और मुंबई में केबीसी के सेट पर यह सुखद क्षण आया। उस पल की खुशी को बयां करना मेरे लिए नामुमकिन है। उनकी आत्मीयता और स्नेह पाकर मैं बेहद अभिभूत हो गया। खुशी से मेरा हृदय से भर गया तो उनके प्रति श्रद्धा से मेरी आँखें भी सजल हो गईं और वह पल मेरे लिए जीवन का सुखद व यादगार बन गया है।
सचमुच में विराट है उनका व्यक्तित्व
भाई महावीर ने बताया कि इतने महान व्यक्तित्व से इतनी सामिप्यता के साथ हमारी सपरिवार आत्मीय मुलाकात हुई। उनके प्रति मेरा सिर बड़ी श्रद्धा से झुक गया। उन्होंने भी मुझे पल भर में जीवन का असीम प्यार दिए। मुझे यूँ लगा कि सदियों से इनसे मेरा नाता है। जब मैंने उनके पिताजी महान कवि स्व. हरिवंशराय बच्चन की कविता सुनाई और बताया कि बचपन में नागपुर के कवि सम्मेलन में उनका दर्शन हुआ था और उन्होंने ही मुझे राष्ट्रीय कवि सम्मेलन व हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए प्रोत्साहित किया थे तब से राष्ट्रीय हिंदी कवि सम्मेलन में अपना हर संभव योगदान दे रहा हूँ और अपने रायगढ़ में कवि सम्मेलन संयोजक का दायित्व निभा रहा हूँ। साथ ही मैं बचपन से आपकी फिल्में देख रहा हूँ और आपके व्यक्तित्व से मुझे प्रेरणा व नवीन ऊर्जा मिलती है तब बिग बी साहब और भी अत्यंत प्रसन्नचित्त हुए। जब मैं उनके लिए दो पंक्तियाँ पढ़ी साथ ही रायगढ़ सांस्कृतिक नगरी की महत्ता को बताकर आने का निमंत्रण दिया तो श्री बच्चन साहब मंद-मंद मुस्कुराकर बेहद खुश हो गए और जब कहा कि आपके विराट हृदय में मेरा भी स्नेह और स्थान रखिएगा तो सदी के सुपर स्टार श्री बच्चन साहब पुलकित हो गए वहीं उनकी आँखों में अपार अपनत्व भाव देखकर मेरा हृदय पुलकित हो गया। वास्तव में उनसे निकट मिलकर उनका प्यार पाकर जाना कि सचमुच में वो बिग बी हैं। विराट व्यक्तित्व के धनी हैं और सदी के महानायक हैं और पूरी दुनिया के लोग यूँ ही नहीं कायल हैं। श्रद्धेय सदी के महानायक बिग बी अमिताभ बच्चन को मेरा कोटि-कोटि नमन्। ईश्वर उनको निरोग व दीर्घायु बनाएं ताकि समाज के लोगों को भरपूर उनका स्नेह व साथ मिलता रहे।

अंबेडकर पार्क बना पशुओं का चारागाह स्थल

दंतेवाड़ा । दंतेवाड़ा के हृदय स्थल में बसे दंतेश्वरी सरोवर पार्क की बात हो या अंबेडकर पार्क की करीब करीब सब का एक सा हाल है। लाखों खर्च कर बनाए गए इन पार्को का उचित देखभाल एवं समय पर मेंटनेंस नहीं हो पाने के कारण पार्क में वो रौनक अब नहीं दिखती जो इसके बनने के बाद कुछ महिनों तक देखी गई थी। आलम यह कि पार्को में कुत्ते, बकरी, गाय बैल जब चाहें तब अंदर घुस जाते हैं और घंटों आराम से विचरण करते हुए अंदर लगाए गए हरे घास चर जाते हैं इन्हें रोकने टोकने, भगाने, हंकाने व निकालने वाला कोई नहीं होता। कभी कभी तो पार्क के अंदर घोड़े भी बंधे देखे गए हैं। यदा कदा जब पार्क के केयर टेकर कर्मचारियों की नींद टूटती है जब कहीं जाकर इन पशुओं को पार्क से बाहर खदेडा जाता है। ये हाल है जिला मुख्यालय में बने दोनों पार्को का।
गौरतलब है कि अंबेडकर पार्क में बीते साल ही मेंटनेंस के नाम पर लाखों रूपए खर्च किया गया था। अब तक लाखों रूपए अलग अलग वर्षो में टूटफूट रिपेयर, मेंटनेंस के नाम पर खर्च किया जा चुका है मगर हालात आज भी जस के तस हैं। शाम के वक्त पार्क खुलता है लोग पार्क में घुमने टहलने जाते भी हैं मगर पार्क के अंदर जब गाय, बकरी, कुत्तों को घुमते टहलते लोग देखते हैं तो सहम जाते हैं क्योंकि ये जानवर पार्क के अंदर जहां तहां गंदगी कर देते हैं। पार्क की सुंदरता को खराब करते हैं। ऐसे में पार्क की भव्यता को किस तरह से बनाए रखा जा सकता है। अंबेडकर पार्क हो या दंतेश्वरी सरोवर पार्क इन दोनों की देखरेख का जिम्मा नगर पालिका विभाग की है। मगर सभी जानते हैं नगर पालिका के कार्य पद्धति को। विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की नींद तभी टूटती है जब इन विषयों की शिकायत कोई उन तक पहुंचाता है। हाल ही में अंबेडकर पार्क के अंदर पशुओं को विचरण करते देखा गया है जिसकी चलचित्र भी एक पर्यटक ने अपने मोबाईल में कैद किया था यह इस बात का प्रमाण है कि पार्क का सही देखरेख पालिका नहीं कर रही जिसके चलते पार्क की सुंदरता एवं रौनक धीरे धीरे खत्म होती जा रही है। दंतेश्वरी सरोवर पार्क में कुछ साल पूर्व लाखों रूपए खर्च कर कलर लाईट, फव्वारे, सीसी कैमरे, नौका वोट समेत कई प्रकार के सामान खरीदे गए थे आज सब बंद पडे हैं सारी लाईट पार्क से चोरी चली गई है। न कैमरे काम कर रहे हैं न फव्वारे चल रहे हैं ना ही पार्क में पर्याप्त लाईटें ही जल रही है। पार्क का वो आनंद यहां के आमजन नहीं उठा पा रहे जिसके लिए पार्क बना होता है। लोग जाते हैं पार्क के अंदर टहलते हैं समय काटते हैं बाहर निकलकर ठेलों पर चाट, पानी पुरी खाते हैं और घर चले जाते हैं। सवाल यह कि लाखों खर्च कर बनाए गए पार्क का आखिर क्या औचित्य जब इसका फायदा जनता को मिल ही नहीं पा रहा?

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