खेल – मनोरंजन

नई पीढ़ी की शुरुआत रही निराशाजनक

डेविस कप- 2023, विश्व चैंपियनशिप जिसे हर कोई चाहता है जीतना

– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
इस प्रतियोगिता के आयोजन में बड़ा बदलाव किया गया है। अब यह जिस वर्ष आयोजित उसी वर्ष इसका समापन होगा। 1900 से आरंभ यह चैंपियनशिप टेनिस की सबसे प्रतिष्ठित मुकाबला है। यह पुरुष टीम स्पर्धा है जिसमें विभिन्न देशों की टीम भाग लेती है। डेविस कप स्पर्धा के लिए 2019 तय की गई नई पद्धति में पिछले वर्ष 2022 की फायनल में भिडऩे वाली दो टीम कनाडा व आस्ट्रेलिया को सीधे तथा वाइल्ड कार्ड द्वारा इटली व स्पेन दो टीम को 2023 की स्पर्धा के लिए सीधे प्रवेश दिया गया है। इनके अलावा फरवरी 2023 में 24 टीम के बीच भिड़ंत हुई। 3 फरवरी से 26 नवम्बर 2023 के मध्य 2023 के डेविस कप विजेता बनने की जोर आजमाईश जारी रहेगी। इस चैंपियनशिप के प्रारूप में 2019 में लाये गये बदलाव के अनुसार 18 सर्वश्रेष्ठ देशों की टीम को विश्व समूह में रखा जाता है। पूरी दुनिया को टेनिस के लिए तीन क्षेत्र अमेरिकास, एशिया/ओसिआनिया तथा यूरोप/अफ्रीका में बांटा गया है। अब डेविस कप में पांच मुकाबलों अर्थात् चार एकल एक युगल के आधार पर 3-0 की अजेय बढ़त लेने वाली टीम अगले दौर में प्रवेश दिया जाता है। विगत 03 से 04 फरवरी को प्ले आफ राउंड में डेनमार्क के रायल स्टेज हीलरॉड में भारतीय डेविस कप टीम की भिड़ंत डेनमार्क से हुई इसमें डेनमार्क की टीम हने भारत को 3-2 से पराजित कर दिया। हमारे देश की तरफ से टीम में प्रजनेश गुणेश्वरन, रामकुमार रामानाथन, सुमित नागल, यूकी भांबरी, रोहन बोपन्ना थे जबकि टीम के कप्तान रोहित राजमाल थे। पहले मैच में यूकी भांबरी डेनमार्क के होल्गर रुने से 6-2, 6-2 से हारे। दूसरे मैच में सुमित नागल अगस्त होलम्ग्रेन से 4-6, 6-3, 6-4 से पराजित किया। तीसरे मैच में युकी भांबरी, रोहन बोपन्ना की जोड़ी जोहंस इनगिलडेशन, होल्गर रुने से सीधे सेट में 6-2, 6-4 से पराजित हुए। चौथे मैच में समित नागल 5-7, 3-6 से होल्गर रुने से जबकि पांचवे मैच में प्रजनेश गुनेश्वरन अपने प्रतिद्वंद्वी एल्मर मोईल्लर से 4-6, 6-7 से मात खा गये। इस तरह हमारे खिलाड़ी अभी युवा हैं लेकिन अनुभव की कमी है। अभी और मेहनत की जरूरत है। बड़े टूर्नामेंट में प्रतिभागी पर जीत का दबाव होता है लेकिन डेनमार्क जैसी टीम के आगे हमारी टीम पूरी तरह बिखर गई। यूकी भांबरी, रोहन बोपन्ना को छोड़ दे तो बाकी खिलाड़ी भारत की ओर से लंबे समय तक टेनिस खेल सकते हैं। भारत की इस तरह की शिकस्त ने भारतीय टेनिस के भविष्य के लिए कई प्रश्न छोड़े हैं। डेविस कप में भारत का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है। 1966, 1974, 1987 में तीन बार हमारी टीम उपविजेता थी। लिएंडर पेस, रामानाथन कृष्णनन, महेश भूपति, विजय अमृतराज, महान टेनिस खिलाड़ी रहे हैं। फिलहाल भारत को 7 मार्च 2022 के अनुसार 25वीं विश्व वरीयता प्राप्त है। भारत ने 1921 में पहली बार डेविस कप स्पर्धा में भाग लिया था। लिएंडर पेस ने भारत की तरफ से 30 वर्षों तक डेविस कप खेला है। इस तरह भारत की आने वाली पीढ़ी के लिए डेनमार्क के हाथों पराजय से सबक लेने का समय है। कड़ी मेहनत, लगातार अभ्यास से सफलता अवश्य मिलेगी लेकिन अभी इंतजार करना होगा।

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