दिन हो या चांदनी रात,रेत का कारोबार सांय-सांय
राजिम/फिगेंश्वर । राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा लगातार अवैध रेत उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण पर कार्यवाही किए जाने के बाद भी रेत माफियों द्वारा नए नए तरीकों एवं नियमों की आड़ में रात में मनमाने ढंग से चैन माऊटिंग मशीनों से अंधाधुंध अवैध खनन रूक नहीं रहा है। भंडारण की आड़ में पूर्व की भांति परिवहन बेधड़क हो रहा है। फिंगेश्वर विकासखंड में एकमात्र हथखोज खदान स्वीकृत होने के बाद भी लचकेरा की रेत खदान के पास ही खनिज विभाग से सेटिंग कर जिसके पास खदान खनन की स्वीकृति ही नहीं है भंडारण की अनुमति दी गई। ग्राम लचकेरा के ग्रामीणों ने बताया कि यहां किया जा रहा रेत भंडार लचकेरा की नदी से ही अवैध रूप से दिन रात 24 घंटे चैन माऊटिंग मशीन से खनन कर किया जा रहा है। जब लचकेरा रेत खदान से रेत निकालना यानी खनन करना स्वीकृत ही नहीं है तो लचकेरा रेत खदान के नजदीक रेत भंडारण की मंजूरी देना, अनेक शंकाओं के साथ साथ भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है। ग्रामीणों ने कहा कि अभी 2-3 दिन पहले तक लचकेरा के रेत खदान में 90-90, 100-100 हाईवा गाड़ी रात में चैन माऊंटिंग मशीन से भरी जा रही थी। ग्रामीणों ने अनेकों बार प्रशासन, जनप्रतिनिधियों से शिकायत की परंतु इससे न अवैध खनन, उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण में कोई कमी हुई और न ही कहीं से कोई कार्यवाही हुई। इससे ही समझा जा सकता है कि भ्रष्टाचार की नींव कितनी गहरी है और रेत माफिया की जबरदस्त सेटिंग से भी इंकार नहीं किया जा सकता। ग्राम लचकेरा के ग्रामीणों ने बताया कि लचकेरा रेत खदान से उत्खनन एवं परिवहन इस वर्ष 10 जून के बाद अब तक बंद हुआ ही नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार बीच बीच में जब अन्य रेत खदानों में कार्यवाही होती है तो 2 दिन 4 दिन के लिए उत्खनन रोक दिया जाता है। इस सीजन में लचकेरा रेत खदान का जितना अवैध खनन कर रेत का मनमाना परिवहन किया गया है उतना अवैध खनन पूरे जिलें में कहीं भी हुआ होगा ऐसा नहीं लगता। लचकेरा में नदी के खनन की स्थिति को देखकर इसे और अच्छी तरह समझा जा सकता है। लचकेरा के ग्रामीण यहां हो रहे अवैध खनन परिवहन एवं भंडारण से काफी परेशान है। अवैध तरीके से खोदे गए रेत घाट का मुल्याकंन कर खनन कर परिवहन करने वाले चोरों से होने वाले राजस्व नुक़सानी का वसूली की जाए लचकेरा से चारों दिशाओं में जाने वाली सड़कों की हालत बड़ी बड़ी हाईवा ट्रकों में मनमाने ढंग से रेत परिवहन के कारण बद से बदतर हो गई है। इन सड़कों पर पैदल चलना, दो पहिया वाहन चलाना एवं कृषि कार्य के लिए ट्रैक्टर, बैलगाड़ी आदि चलाना काफी मुश्किल के साथ दुर्घटना जन्य हो गया है। अभी वर्तमान में रायपुर, महासमुंद सहित आसपास के क्षेत्रों में खनिज विभाग द्वारा कार्यवाही किए जाने पर लचकेरा में दिन में रेत घाट को रेत माफियाओं द्वारा बंद कर दिया जाता है। शाम के 07 बजे से सुबह 5 बजे तक लगातार 100 से 125 हाईवा लोडकर रात के अंधेरे में रेत के कारोबार को खनिज विभाग की सह पर धड़ल्ले से किया जा रहा है। ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 04 दिन पहले खनिज विभाग द्वारा लगातार हो रही शिकायत पर कार्यवाही के नाम पर रेत खदान के रास्ते को थोड़ा सा खोद दिया गया था। जिसे रेत माफियाओं द्वारा रास्ते को पुन: बनाकर खनिज विभाग को ठेंगा दिखाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि रातभर लोडिंग करने के पश्चात् सूर्योदय के समय चैन माऊंटिंग की वापस नदी के ऊपर खेत में लाकर रख दिया जाता है। जिससे खनिज विभाग दिन में आकर कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करके चले जाते है। जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है।