ग्राम पंचायत रोहिना में जीवित महिला को मृत कर दिया घोषित, नहीं मिला राशन तब परिवार को पता चला
राजिम-फिंगेश्वर । विकासखंड फिंगेश्वर के ग्राम पंचायत रोहिना में सचिव व सरपंच ने एक जीवित वृद्ध महिला को दिनांक १ मार्च २०२४ को मृत घोषित कर दिया और पंचायत में मृत कुल ११ लोगो के लिस्ट में एक जीवित महिला का भी नाम दर्ज कर जनपद कार्यालय में जमा भी कर दिया और जब परिवार को राशन नहीं मिला तब इस बात का खुलासा हुआ एक प्रकार से यह सचिव और सरपंच की मनमानी का नतीजा है कि एक जीवित इंसान को मृत घोषित कर दिया जीवित महिला का अंत्योदय राशन कार्ड से नाम कट जाने से और उसे एक माह का राशन भी नहीं मिला यह कारनामा सरपंच और सचिव ने संयुक्त रूप से किया जब मीडिया की टीम ग्राम पंचायत रोहिना के आश्रित ग्राम सेमराडीह जीवित गैंदी बाई के घर पहुंचा तो देखा पीडि़त गैंदी बाई सुनने में सक्षम नहीं थी जिस कारण पूछने पर भी सारी बातें नही समझी किंतु उसके पति के मृत्यु के बाद उसके साथ उसकी बेटी, दामाद साथ में रहते हैं उन्होंने खबर न छापने के शर्त पर मीडिया को सारी बातें बताते हुए कहा कि बीते मार्च माह से उसका राशन कार्ड से नाम काट दिया। जिस वजह से राशन नहीं मिला है जब राशन नहीं मिला तो पता करने पर पता चला तो सेल्समैंन ने बताया कि गैंदी बाई मृत्यु हो गई है इस कारण उसका राशन कार्ड से नाम काट दिया गया, अब राशन नहीं मिलेगा। बेटी दमाद ने यह बात सरपंच को बताएं जिस पर सरपंच ने आधार और राशन कार्ड मांग कर नाम जोडऩे के लिए जनपद पंचायत फिंगेश्वर लेकर गए पर नाम वहां नहीं जुड़ा। इस पर परेशान पीडि़त परिवार में वृद्ध गैंदी बाई को लेकर जिला कार्यालय के चक्कर काटे वहां उन्होंने खाद्य शाखा में सारी बातें बताई तो खाद्य शाखा से पता चला कि ग्राम पंचायत रोहिणा में कुल ११ लोगों को मृत घोषित कर सरपंच सचिवों ने राशन कार्ड से नाम काटने लिस्ट दिया है। जिस वजह से राशन कार्ड से नाम कट गया। अब सवाल यह है कि सरपंच सचिव ऐसे कैसे किसी भी जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर सकता है जबकि महिला जीवित है। और ग्राम पंचायत का सरपंच भी इसी गांव का निवासी है। क्या खुद के गांव के लोगो के बारे में जानकारी नहीं होना। जनप्रतिनिधि की गैरजिम्मेदाराना को दर्शाता है। यह एक प्रकार का मनमानी का नतीजा है। जो ऐसे कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। इस बात को लेकर हालांकि गैंदी बाई का बेटी दामाद परेशान था और जाने किस डर और भय से बार-बार खबर न छापने की मिन्नत कर रहा था। लेकिन मीडिया की अपनी जिम्मेदारी बनती है की सच्चाई को समाज के सामने लाए और ऐसे सरपंच, सचिव कि कारनामे को बेनकाब करें। किंतु बात को बिगड़ते देख एक माह का चावल ले जाने के लिए सेल्समैन ने पीडि़त परिवार को फोन कर बुलाया था। तो क्या जब राशन कार्ड से नाम कट गया तो कहा से और किसका हक मार कर इस परिवार को राशन देता।
वही इस बारे में संबंधित सेल्समैन पवन कुमार महिलांगे से बात करने पर उसने बताया कि मुझे जो लिस्ट मिला है उसके अनुसार में मृत व्यक्तियों का राशन आवंटन बंद कर दिया हूं। इसी कारण राशन नहीं मिला। ये सब ग्राम पंचायत जाने मृतकों की सूची जारी वही लोग करते है। जब इस बारे में सचिव दीनू राम यदु से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि शायद गैंदी बाई का राशन कार्ड में नाम जोड़ दिया गया है। सरपंच से पता कर लीजिए जल्दबाजी में हमसे गलती हुई है हम यहां स्वीकार करते हैं।