छत्तीसगढ़

विश्रामगृह से लेकर धौराभाठा पहुंच मार्ग जर्जर रेलवे विभाग खामोश

भाटापारा । विश्रामगृह से लेकर धौराभाठा पहुंच मार्ग मुश्किल से मात्र डेढ़ किलो मीटर है लेकिन इन डेढ़ किलो मीटर के बीच बड़े बड़े गड्ढे स्थाई गड्ढे जान लेवा साबित हो सकता है सिद्ध बाबा रेल्वे फाटक के उस पार दो तीन दिनों के भीतर तीन चार फीट गड्ढे से रोजाना घंटों यातायात प्रभावित हो रही है गौरतलब हो कि केंद्र सरकार ने रेल्वे स्टेशन का दशा और दिशा सुधारने डिजिटल प्रयास कर रहे हैं लेकिन रेल्वे विभाग सड़क सुधारने की दिशा में मौन है ज्ञात रहे कि भाटापारा रेलवे स्टेशन रायपुर बिलासपुर के बीच सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है जो सड़क जर्जर है उस सड़क पर बारहों महीने खाद, सीमेंट व अन्य सामग्री की रेक लगी रहती हैं जिससे रेल्वे को प्रतिमाह करोड़ों रुपए की राजस्व मिलता है फिर भी रेल्वे विभाग गहरी नींद में है समय समय पर ट्रक आनर्स के सरंक्षक राधेश्याम शर्मा ने रेलवे विभाग को लिखित में देकर सड़क सुधारने मांग रखी पर वह मांग आज भी अधुरा है लोग काफी भय में रहकर अपने वाहन चलाते हैं उधर रेल्वे क्रासिंग के उस पार बड़े बड़े जान लेवा गड्ढे हैं जहां पर घंटों यातायात प्रभावित हो रही है इस संबंध में धौराभाठा के सरपंच प्रेम चौबे ने बताया कि इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी को अवगत कराया है लेकिन जब तक यहां पर दोंद नहीं डालेंगे तब तक समस्या का हल स्थाई रूप से नहीं हो सकता ईधर धीरे धीरे लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है कहीं ऐसा न हो कि लोग धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य हो जाए।

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