वन्य प्राणियों की निगरानी के लिए वन विभाग की अच्छी पहल
कवर्धा। भोरमदेव अभ्यारण्य कवर्धा अंतर्गत वन्य प्राणियों की उपस्थिति एवं उनके गतिविधियों विचरण क्षेत्र रहवास की सटीक जानकारी एवं निगरानी हेतु प्रत्येक परिसर में पीआईपी निर्माण कराया गया है। पीआईपी का अर्थ पग इंप्रेशन पैड है अर्थात जब कोई वन्य प्राणी इस पीआईपी के ऊपर से गुजरता है तो उसके पद की छाप पीआईपी पर पड़ जाती है।पीआईपी का निर्माण बारीक भुरभुरी मिट्टी को धरती पर बिछाकर किया जाता है। इसका निर्माण गस्ती मार्ग या पगडंडियों पर किया जाता है जहां अधिक से अधिक वन्य प्राणियों के गुजरने की संभावना हो। प्रत्येक परिसर में तीन चार या अधिक आवश्यकता अनुसार पीआईपी का निर्माण किया गया है। अधिकांश वन्य प्राणी निशाचर होते हैं इसलिए प्रतिदिन प्रात: काल पीआईपी से गुजरे हुए वन्य प्राणियों की जानकारी एक निर्धारित पंजी में इंद्राज की जाती है एवं उसके फोटोग्राफ्स भी लिए जाते हैं। किसी विशेष वन्य प्राणी की उपस्थिति के संबंध में प्राथमिक सूचना भी इसी पीआईपी के माध्यम से ही प्राप्त होती है। इस प्रकार स्पष्ट है कि पीआईपी से एकत्र की गई जानकारी वन्य प्राणियों के प्रबंधन एवं उनकी विशेष निगरानी की योजना बनाने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करती है ।