तीन नक्सलियों ने किया सरेंडर सभी पर था 5 -5 लाख का इनाम

गरियाबंद । छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। लंबे समय बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि सक्रिय नक्सलियों ने ऑटोमैटिक हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया हो। एडीजी विवेकानंद सिन्हा, आईजी अमरेश मिश्रा और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में एसडीके एरिया कमेटी के डिप्टी कमांडर दिलीप उर्फ संतु ने आत्मसमर्पण किया। उनके साथ दो महिला नक्सली मंजुला उर्फ लखमी और सुनीता उर्फ जूमकी ने भी आत्मसमर्पण कर दिया।
तीनों नक्सलियों पर कुल 15 लाख रुपये का इनाम घोषित था
भालू डिगी मुठभेड़ के बाद बढ़ा आत्मसमर्पण का सिलसिला 20 जनवरी को भालू डिगी मुठभेड़ में सीसी मेंबर चलपती और डिविजन कमांडर सत्यम गावड़े समेत 16 नक्सली मारे गए थे। इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों पर कुल सवा 3 करोड़ का इनाम था। इस कार्रवाई के बाद जिले में सक्रिय नक्सली गुट बिखर गए थे। ऐसे में कुछ नक्सलियों ने आत्मसमर्पण की राह चुनी। इसी क्रम में एक महिला और एक पुरुष नक्सली ने पहले आत्मसमर्पण किया था, और अब तीन अन्य नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं।
नई शुरुआत अभियान को मिली सफलता
गरियाबंद जिले में पुलिस द्वारा शुरू किए गए नई शुरुआत अभियान का असर अब दिखने लगा है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने पुलिस के इस अभियान से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।एडीजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा, नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस का लगातार दबाव बना हुआ है। हमारी कोशिश है कि जितने भी भटके हुए लोग हैं, वे आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ें। पुलिस द्वारा शुरू किए गए नई शुरुआत अभियान से अब नक्सली खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं और समर्पण को मजबूर हो रहे हैं।
एसपी निखिल रखेजा की जमकर सराहना
एडीजी ने गरियाबंद पुलिस अधीक्षक निखिल रखेजा की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि जिले में चल रहे अभियान के तहत लगातार नक्सलियों पर दबाव बनाया गया, जिससे आत्मसमर्पण की घटनाएं बढ़ रही हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मिलेगी पुनर्वास योजना का लाभ
सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत इन तीनों नक्सलियों को सुरक्षा और पुनर्वास का लाभ दिया जाएगा। पुलिस ने अन्य सक्रिय नक्सलियों से भी आत्मसमर्पण करने की अपील की है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की सख्ती जारी
गरियाबंद समेत पूरे बस्तर संभाग में पुलिस और सीआरपीएफ की सघन कार्रवाई जारी है। नक्सल विरोधी अभियान में और तेजी लाई जाएगी, ताकि बाकी नक्सली भी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट सकें।