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छत्तीसगढ़

इंदिरा चौक से सटी तीनों सड़कों में सौ से ज्यादा जानलेवा गड्ढे

पत्थलगांव । शहर के हृदयस्थल मे बनाया गया इंदिरा चौक से तीन दिशाओ मे राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा स्टेट हाईवे की सडक अंबिकापुर,जशपुर एवं रायगढ जिले की सीमाओ को जोडने का काम करती है,इन तीनो मार्ग मे प्रतिदिन लगभग छोटी बडी मिलाकर 2200 गाडियों का आवागमन देखा गया है,परंतु इसे जशपुर जिले का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि यहा के लोगो को कभी भी चकाचक सडको का लाभ नही मिल सका। शहर के मध्य बना इंदिरा चौक अनेक सार्वजनिक कार्यो के उपयोग मे लाया जाता है,यही से तीन जिला की सडके शुरू होती है,परंतु इंदिरा चौक से सौ मीटर का दायरा मे आने वाली तीनो मार्ग की सडक मे सौ से अधिक जानलेवा गडढो का बनना किसी दुर्भाग्य से कम नही है। हर रोज जिला के अलावा प्रदेश के नेताओ का आगमन एवं अफसरो की आवाजाही इसी चौक से होती है,परंतु शायद यहा से गुजरते वक्त जनप्रतिनिधि हो या अफसर वे आंखो मे पटटी बांधकर शहरवासियों की तकलीफ को दरकिनार कर दिये है। लिहाजा अब इंदिरा चौक के सौ मीटर दायरे मे तीनो मार्ग की सडक मे भयंकर जानलेवा गडढे निर्मित हो गये है। सुखे दिन मे यहा से उडने वाली धूल महिला,छोट बच्चे एवं उम्र दराज बुजुर्गो को अपनी चपेट मे लेकर गंभीर बिमारी की चपेट मे ला रहे है तो वही जरा सी बारिश होते ही इन सडको के गडढो मे पानी भरकर बाईक सवार लोगो को चोटिल कर रहे है। यहा गडढो की वजह से हर दिन दुर्घटना होना आम बात हो चुकी है,अक्सर देखा जाता है कि किसी भी शहर मे घुसने से पहले वहा की साफ-सुथरी सडके एवं पर्यावरण ही पहचान बनती है,परंतु पत्थलगांव मे घुसते ही धूल भरी सडके,जानलेवा गडढे एवं घातक धूल के कारण बिगडा पर्यावरण यहा की पहचान बन चुका है।।
नेताओ के आने पर होती थूक पॉलीस-:नेशनल हाईवे के साथ-साथ शहर से लगी स्टेट हाईवे की सडक का भी बेहद बुरा हाल है,इंदिरा चौक से नंदनझरिया की सरहद तक पहुंचने मे लोगो को अपनी जान जोखिम मे डालनी पड रही है,इस मार्ग मे साल के अंदर अनेक बार पेंच रिपेरिंग का काम किया जाता है,मरम्मत का कार्य केन्द्र या राज्य के बडे नेताओ के आने के समय होता है,जो एक सप्ताह भी नही टिक पाता। पिछले दिनो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नडडा के आने से ठेकेदार द्वारा कुछ दूरी मे पेंच रिपेरिंग का काम किया गया था,परंतु यह कार्य एक हफ्ते भी नही टिक पाया,लिहाजा आज इस मार्ग मे पहले से भी ज्यादा जानलेवा गडढे बन गये है।।
मुंह मांगा मरम्मत का बनता बिल-:यहा की खराब सडके संबंधित विभाग के साथ-साथ ठेकेदारो की जेब गर्म करने का जरिया बन चुकी है। हर बार नेताओ के आगमन पर शहर के भितर की सडको मे मरम्मत का कार्य किया जाता है,जिसमे गुणवत्ता की अनदेखी रहने के कारण मरम्मत का कार्य कभी भी एक सप्ताह से उपर नही टिक पाता,उसके विपरीत ठेकेदार एवं संबंधित विभाग मरम्मत के कार्य को अपनी जेब भरने का जरिया बना लेते है,ये ठेकेदार के नाम मनमर्जी बिल लगाकर अपना मोटा कमीशन निकाल लेते है,इधर जनता की तकलीफे जस की तस धरी की धरी रह जाती है।।

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