घोटालों की श्रृंखला से छत्तीसगढ़ की छवि देश में खराब हुई: मोतीराम
कवर्धा । एक के बाद एक घोटालों की श्रृंखला रचकर खुद को छत्तीसगढ़ का हितैषी बताने वाली कांग्रेस और भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ की छवि को पूरे देश में बिगाड़ा है। उक्त बातों के साथ बयान जारी करते हुए पूर्व संसदीय सचिव मोतीराम चंद्रवंशी ने कहा कि गरीब और बेरोजगारों तक के हक में डाका डालने वाली पैंतरेबाज छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के मुखिया ने पीएससी घोटाले के पीडि़तों और प्रदेश की जनता का ध्यान भटकाने के लिए एक बार फिर शिकायतों पर जांच कराने तथा पीएससी परीक्षा से जुड़े दस्तावेजों को दो साल तक नष्ट नहीं करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में जब पीएससी घोटालों की परतें खुल चुकी हैं और प्रदेश की सरकार को वहां भी जांच कराने का दावा कर अपना दामन बचाने का प्रयास करना पड़ा तब फिर और कैसी शिकायतों का भूपेश सरकार को इंतजार है? अब रही बात पीएससी से जुड़े दस्तावेजों को दो साल तक नष्ट नहीं करने की घोषणा की तो भूपेश बघेल पहले ये बताएं कि परीक्षा का रिजल्ट आने के तुरंत बाद दस्तावेजों को नष्ट करने टेंडर बुलाने की जरूरत क्यों पड़ी मोतीराम चंद्रवंशी ने बताया कि 11 मई 2023 को सीजी पीएससी 2021 का रिजल्ट जारी हुआ। इसके एक हफ्ते बाद ही इस परीक्षा पर उंगली उठनी शुरू हो गई थी। इस परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के साथ-साथ विपक्ष ने भी सवाल उठाया था। इसी बीच लोक सेवा आयोग द्वारा इसके दस्तावेजों को नष्ट करने के लिए टेंडर बुला लिया था। छग लोक सेवा आयोग को ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि रिजल्ट जारी हुए 15 दिन भी नहीं हुए थे कि दस्तावेजों को नष्ट करने की जरूरत महसूस हो गई। अब जब मामला हाईकोर्ट में है और गड़बड़ी पर जांच के निर्देश दिए हैं तो इस मामले की निष्पक्षता के साथ जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की बजाय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भविष्य की थोथी योजना बताकर छत्तीसगढ़ की प्रतिभा को एक बार फिर दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ठगबाजों की पार्टी और प्रदेश के सबसे बड़े ठगराज भूपेश बघेल की नीयत के खोट को अब समझ गई है। जनता जान गई है कि इनके कथनी और करनी में कितना अंतर है। इन्होंने पांच सालों में छत्तीसगढिय़ों का हितैशी होने का केवल स्वांग रचा है और गले मिलकर पीठ पर छूरा भोंगने का काम किया है। इस सरकार ने प्रदेश में जो भी काम किए, सब केवल भ्रष्टाचार के लिए किए। यदि इनकी नीयत साफ होती तो 2019 से लेकर अब तक पीएससी से समस्त दस्तावेजों को संभालकर रखते और उसमें केवल उत्तर पुस्तिका ही नहीं, दावा आपत्ति, लोगों के फार्म, इंटरव्यू बोर्ड के फैसले, कौन-कौन उनमें शामिल थे, सभी दस्तावेज सुरक्षित रखते।