मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के सफल क्रियान्वयन से कुपोषण में आई कमी
बीजापुर । जिले में वजन त्यौहार २०१८ के अनुसार कुपोषण का प्रतिशत ३८.५० था। जो कि साढ़े चार वर्ष में माह जुलाई २०२३ की स्थिति में कुपोषण का प्रतिशत १८.९७ है। कुपोषण में कमी का प्रतिशत १९.५३ हो गया है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत प्रतिदिन ४१२५६ हितग्राहियों को लाभन्वित किया जा रहा है। जिसमें ०६ माह से ०६ वर्ष तक के सभी बच्चे, गर्भवती महिलाएं, शिशुवती माताएं, शाला त्यागी किशोरी बालिकाएं, ११ से ४९ आयु वर्ग के समस्त एनीमिक महिलाएं लाभान्वित हो रहे है। बीजापुर सुपोषण अभियान के सफलता पूर्ण क्रियान्वयन हेतु जिले के समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों में पक्का तार फेन्सिंग पोषण वाटिका निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें प्रारंभिक चरण में जिले के ३७४ आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका पूर्ण कर लिया गया है। जिले में कुल ५१ स्व सहायता समूहों के द्वारा (लेयर फार्मिग) अण्डा उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। उत्पादित अण्डों को सुपोषण अभियान अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों के कार्यकर्ताओं के द्वारा उठाव कर हितग्राहियों को गर्म भोजन के साथ प्रदाय किया जा रहा है। जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत मिलेट चिक्की आंगनबाड़ी के हितग्राहियों को प्रदाय किया जा रहा है। जिले के कोकड़ापारा बीजापुर में निर्माण यूनिट का स्थापना कर मिलेट चिक्की का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें ६१ नक्सल पीडि़त महिलाओं को एवं स्थानीय युवाओं को स्थायी रोजगार मिला है। जिले में मल्टी ग्रेन दलिया गर्म भोजन के रूप में आंगनबाड़ी के हितग्राहियों को प्रदाय किया जा रहा है। जिले के रीपा मिन्गाचल में निर्माण यूनिट का स्थापना कर मल्टी ग्रेन दलिया का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसमें १० युवाओं को स्थायी रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के प्रारंभ में १४२५१ एनिमिक महिलाओं को चिन्हांकित किया गया था। वर्तमान में योजना से लाभान्वित होकर ७४५३ महिलाएं एनीमिया से मुक्त हुए है। कुल ५२.२९ प्रतिशत महिलाओं को एनीमिया से बाहर लाया गया है।