पदोन्नति संसोधन निरस्त से शिक्षक परेशान
दंतेवाड़ा । प्रदेश में चल रहे शिक्षा विभाग के लगातार अदूरदर्शिता प्रयास से शिक्षकों में फैला आक्रोश पदोन्नति में पदांकन में काउंसलिंग को एक समय दरकिनार किया गया मनमाने तरीके से पदोन्नति प्रदान किया गया किसी भी नियम का पालन नही किया गया शिक्षक संशोधन के लिए परेशान होते रहे अब कुल 18 माह पदोन्नति पदस्थापना स्थल में सेवा देने के बाद उनका पदोन्नति संसोधन आदेश को निरस्त एकतरफा भारमुक्त की कार्यवाही की जा रही है।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय पदाधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव, प्रमोद भदौरिया, कमल रावत, सूर्यकान्त सिन्हा जि़ला अध्यक्ष उदयप्रकाश शुक्ला सचिव नोहर साहू ने बताया कि जिले के पोटाकेबिनो में पूर्व में स्कूलों से अतिशेष किये गए शिक्षकों को पदस्थापना दी गयी थी जिला प्रसाशन द्वारा विगत 5 वर्ष सेवा देने के पश्चात उन शिक्षकों को पुन: अन्य शालाओ में आपकी पदस्थापना है करके पोटाकेबिन से भारमुक्त किया जा रहा है जिससे शिक्षकों में आक्रोश है सभी शिक्षक बीच सत्र में इस प्रकार की व्यवस्था की जाने से मानसिक रूप से तनाव में है।दूसरी तरफ बस्तर संभाग के 557 शिक्षकों की पदोन्नति पदस्थापना को लेकर है जिसमें रिक्त स्थानों के विरुद्ध पदस्थापना की गई थी जिन्होंने बिना जोइंनिग के संशोधन का आवेदन सहायक संचालक शिक्षा संभाग बस्तर को सौंपा गया था जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारियों के रिक्त पदों की जानकारी के आधार पर व बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक निर्णय आधार पर संसोधन किया जाकर शिक्षको को उनके जिला में रिक्त पदों के विरुद्ध पदस्थापना प्रदान की गई थी अब 18 माह सेवा देने के बाद अन्य सम्भाग में उठे विवाद के आधार पर जांच का हवाला देकर बस्तर सम्भाग की भी पदोन्नति संसोधन सूची को निरस्त कर दिया गया जिसके बाद पीडि़त शिक्षकों ने माननीय न्यायालय में शरण ली है जिसकी अगली सुनवाई तक यथा इस्थिति बनाये रखने के निर्देश है शिक्षकों को आदेश निरस्त करते हुए 10 दिन का समय दिया गया था लेकिन शिक्षकों को 10 दिवस पूर्ण उनके निर्णय के एकतरफा भारमुक्त कर दिया गया अब शिक्षकों में कश्मकश की इस्थिति है न वे पुरानी जगह जॉइन कर पा रहे न नई जगह।
संगठन पदाधिकारियों ने इस मामले को लेकर बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्यों विधायकों,सांसदो से न्याय के लिए गुहार लगाई है बीजापुर सुकमा दंतेवाड़ा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में पद रिक्त है इन जिलों के शिक्षकों को मैदानी क्षेत्र में भेजा जा रहा है इससे इन स्थानों के पद रिक्त रह जाए रहे है ,संगठन पदाधिकारी जी आर नाग पोरस बिंझेकर,चिरस लकड़ा,शंकर चौधरी,खोमेंद्र देवांगन, खेमलाल सिन्हा, रमा कर्मा,योगेश ठाकुर, प्रितेश यादव,खिरोद बरिहा, व अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि इस मामले में हमने जिला शिक्षा अधिकारी दंतेवाड़ा के नाम ज्ञापन दिया है साथ ही स्थानीय विधायक जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री जी से मांग करते है कि इस प्रकार के सभी मामलों में संज्ञान लेते हुए बस्तर में हुए निरस्तीकरण के आदेश को रद्द करते हुए पूर्वत की इस्थिति के आदेश दे साथ ही जिले के पोटाकेबिन में कार्यरत शिक्षक जो स्वयम से उन स्थान पर पदस्थापना पश्चात कार्य करना चाहते है उनको अन्यत्र न भेजा जाए।