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छत्तीसगढ़

बहाने जेल में भाइयों से मिल नहीं पाई इंटर काम से बात कर दिल को दी तसल्ली

गरियाबंद। आज रक्षाबंधन पर बहाने अपनी भाइयों के कलाईयों में सिधे राखी नहीं बान्ध पाई जिसका मलाल यहां पहुंचने वाले सारे बहनों ने व्यक्त किया है। जेल प्रशासन के निर्देश के चलते बहन अपने भाईयो के कलाइयों में सामने बैठकर राखी नहीं बान्ध पाई । इसका असर इतना व्यापक रहा कि दूर-दूर से पहुंचने वाली बहनों को भाई से सीधे तौर पर न मिलने के चलते सुबकते और रोते देखा गया हालांकि उन्हें फोन के इंटर काम के माध्यम से भाइयों से बात कराई गई फिर भी बहनों को अपने भाई को ना देख पाने का मलाल बराबर बना रहा आई फ्लू एवं कोविड के प्रकोप को देखते हुए शासन के निर्देशों के अनुरूप बहनों को भाइयों के सामने बैठकर उनके कलाई में सीधे हाथ पकड कर राखी बांधने का एहशास नहीं होने के चलते वह तसल्ली नहीं मिल पाया जो पूर्व के समय मिला करता था आज सुबह से ही गरियाबंद जेल परिसर में बहाने अपनी भाइयों को राखी बांधने के लिए पहुंचने लगी थी जहां डेढ़ सौ किलोमीटर दूर देवभोग के दूरस्थ अंचल से महिलाएं पहुंच रही थी वहीं १०० किलोमीटर दूर फिगेश्वर से भी महिलाएं भाइयों के कलाईयों मे राखी बांधने विभिन्न वाहनों के माध्यम से लगातार पहुंच रही है दोपहर १:०० तक लगभग २५ महिलाओं ने जेल पहुंच कर जेलर को अपनी भाई के लिये राखी सौंप दिया था किंतु उसके बाद भी बहनों को संतुष्टि नहीं मिल पा रही थी दरअसल शासन के नए नियम के चलते अब सीधे तौर पर आमने-सामने बैठकर राखी बांधने का जो सुख बहनों को मिलता था उसे पर शासन ने रोक लगा दी है दरअसल आई फ्लू और कोविड के खतरे को देखते हुए यह सावधानी शासन ने बरती है फिर भी बहनों के मन में इस नए निर्देश के चलते मलाल जरूर रहा
इस संबंध में प्रभारी जेलर भारत दीवान से चर्चा करने पर भी कहते हैं शासन के निर्माण अनुसार आई फ्लू के फैलने की संभावना एवं कोविड पूरी तरह से समाप्त न होने के चलते यह सावधानी बढ़ती जा रही है जो कि जनहित में है इसी को देखते हुए सारी प्रक्रियाएं की गई है और यहां पहुंचने वाली सभी बहनों को लगातार अपने भाइयों से दो-दो इंटर काम के माध्यम से बात कराया जा रहा है

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