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छत्तीसगढ़

शाम ढलते ही सड़कों पर हो जाता है मवेशियों का कब्जा

दंतेवाड़ा । नगर की सड़कों पर इन दिनों आवारा मवेशियों का जमघट लगना आम हो चला है। शाम ढलते ही बड़ी तादात में मवेशी शहर की सड़कों और चौक चौराहों पर अपना कब्जा जमा लेते हैं, जिसके चलते हमेशा ही हादसे की आशंका बनी रहती है। इन मवेशियों पर लगाम लगाने नगर पालिका कोई कदम नहीं उठा रहा। नगर पालिका के उदासीन रवैये की वजह से हादसो की आशंका प्रबल हो गई है। सड़कों पर जहां तहां मवेशियों के जमावाड़े से आए दिन छोटे बड़े हादसे भी होते रहते हैं। इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता कि कभी इन बेजुबान जानवरों के चलते कोई बडा हादसे पेश आ जाए। गौरतलब है कि जैसे जैसे शाम ढलती जाती है आसपास के तमाम आवारा पशु सड़कों पर आकर जम जाते हैं। मुख्य मार्ग स्थित एसबीआई चौक, बस स्टेंड चौक, बस स्टेंड परिसर, फलसपाल चौक, जेलबाड़ी चौक, टेकनार चौक, कलेक्ट्रेट चौक, परदेशी होटल रेलवे स्टेशन चौक से लेकर पुराने कलेक्ट्रेट के गेट के सामने तक सड़कों पर किसी भी चौक चौराहों पर नजर दौड़ा लें हर जगह मवेशियों का भारी जमावाड़ा देखने को मिल जाएगा। सड़कों पर मवेशियों के जमावाड़े से कई सड़क हादसे हो भी चुके हैं। हादसे में इंसान के साथ साथ कई बार पशुओं की भी मौत हो जाती है। सवाल यह कि ये तो मूक बेजुबान जानवर हैं। इनकी कोई गलती नहीं। गलती पशु पालकों की है जो दुध देते वक्त तक अपने पशुओं को घर पर बांधकर रखते हैं जैसे ही दुध बंद कर देती है गाय उसे दाना चारा देने से बचने के लिए सड़कों पर आवारा छोड़ दिया जाता है। मवेशी दिन भर ईधर उधर विचरण कर किसी तरह अपना पेट भरती है और शाम होते ही सड़कों पर आकर बैठ जाती है। इन आवारा पशुओं को सड़कों से हटाने तथा कांझी हाउस में रखकर चारा देने की पूरी जवाबदारी नगर पालिका प्रशासन की है। लेकिन देखने में आता है कि शिकायत के बाद भी पालिका के अधिकारी व कर्मचारी इस ओर कोई ध्यान नहीं देते। उनका कहना है कि कितनी बार जानवरों को ले जाकर कांझी हाउस में रखें और कितने दिनों तक। मवेशियों को उनके मालिक लेने ही नहीं आते। अब यह तो कोई समाधान नहीं हुई ना। जवाबदारी आपको शासन ने दिया है आप किस तरह से सड़कों से मवेशियों को हटाते हैं ये आपकी समस्या है। आम जनता के जानमाल की रक्षा सर्वोपरि है। सड़कों पर किसी भी तरह का जाम हटाना ये प्रशासन की जिम्मेदारी है। पालिका के अधिकारी हमारे पास इतना रिर्सोसेस नहीं, समय नहीं, साधन नहीं, कहकर अपनी जवाबदारी से बच नहीं सकते। माननीय न्यायालय ने भी अपने एक आदेश में स्पष्ट कहा है कि सड़कों पर आवारा घुमते मवेशी पाए जाते हैं तो इसकी पूरी जवाबदारी पशु मालिकों की होगी इसके लिए पशु मालिकों को जेल तक हो सकती है। न्यायालय के आदेश के बावजूद भी दंतेवाड़ा नगर प्रशासन एवं पालिका इस जटिल समस्या के प्रति कोई ध्यान नहीं दे रहा जिससे आम शहरी हर रोज ऐसी समस्याओं से जुझने को मजबूर है।

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