नवरात्रि पर घटारानी जतमाई और झरझरा मंदिर में जगमगाए के आस्था के जोत
राजिम । दो ऋ तुओं के बीच यानि बसंत और ग्रीष्म ऋतु के मध्य संधि बेला पर नवरात्रि का आगमन साधना स्वाध्याय उपासना सत्संग के लिए उपयुक्त समय माना जाता है इस दौरान यदि सच्ची लगन और निष्ठा से दैवीय शक्तियां की आराधना की जाय तो अवश्य ही फलदायी होता है ।यही कारण है कि पूरे भारत वर्ष सहित छत्तीसगढ़ में दोनों नवरात्रि को धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें दैवीय स्थल मंदिरों और निजी आयोजनों द्वारा Óयोति कलश और जंवारा बोया जाता है तथा शारदीय नवरात्र कुवांर में मां दुर्गा या काली मूर्ति स्थापना पूजा तथा समापन अवसर पर यज्ञ हवन और मूर्ति विसर्जन भी किया जाता हैइस बासंतीय नवरात्रि में हमारे अंचल के सुप्रसिद्ध पर्यटन और धार्मिक दर्शनीय स्थल घटारानी जतमाई तथा झरझरा में प्रतिवर्ष अनुसार समितियों वआस्थावान भक्तों द्वारा मनोकामना Óयोति प्र”वलित कर मांदर की धुनों पर माता जी की जस सेवा गीतों द्वारा जारी रहेगा तीनों दैवीय स्थल के समिति पदाधिकारी और निष्ठावान कार्यकर्ता द्वारा आयोजन के लिए तैयारियां पूरी की जा रही है जिसमें घटारानी समिति तारण सिंह ध्रुव जहुर दीवान परमेश्वर दीवान संतोष कुमार दीवान गजेश्वर सिन्हा टेमन सिन्हा पुजारी धनसिंग ध्रुव संत राम ध्रुव और आसपास के ग्रामीण फुलझर जमाही छुईहा चरौदा कुण्डेल तरीघाट झरझरा समिति के अध्यक्ष चम्मन साहू सचिव दीपक ध्रुव अनिल कुमार साहू मुन्ना लाल साहू कुलेश्वर साहू गैंदराम साहू दिलीप कुमार साहू उगेश कुमार साहू पुजारी गोवर्धन यादव गोपाल साहु हेमलाल साहू सहित पूरे मुरमुरा ग्रामवासी आदि जुटे हुए हैं वहीं जतमाई माता समिति द्वारा ग्राम कोसमपानी गायडबरी तौरेंगा दीवना सांकरा गाड़ाघाट आदि ग्रामीण जन लगे हुए हैं।