महायज्ञ के पहले गायत्री परिवार ने कलश यात्रा निकाली
बीजापुर। गायत्री परिवार द्वारा कल संध्या काल में गायत्री शक्तिपीठ बीजापुर से भ्रमण करते हुए 24 कुण्डीय नवचेतना गायत्री महायज्ञ के कार्यक्रम स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में नगर की सैकड़ों की संख्या में माताओं बहनों ने सम्मिलित होकर अपने सिर पर कलश धारण कर यज्ञीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया। नगर के हृदय स्थल में विराजित माता गायत्री शक्तिपीठ से निकली इस कलश यात्रा में रवि कुमार साहू जिला पंचायत सीईओ और अशोक कुमार पटेल वन मंडलाधिकारी अपने दंपत्ति सहित सम्मिलित हुए। क्षेत्रीय बाजा शहनाई और प्रज्ञा गीतों व युग संगीत नारों के साथ पीले वस्त्रों में कलश यात्रा के परिजनों की लगभग आधे किलोमीटर लंबी कतार देखने लायक थी। कलश यात्रा के दौरान यातायात व्यवस्था भी दुरुस्त थी जिससे आम जनता को कोई परेशानी न हो। ज्ञात हो कि यह 24 कुण्डीय नव चेतना गायत्री महायज्ञ 5 से 8 फरवरी तक चलेगा जिसका शुभारंभ कलश यात्रा से हुआ। सनातन संस्कृति में ऐसी मान्यता है कि कलश विश्व ब्रह्माण्ड का प्रतीक है जिसमें 33 करोड़ देवी देवता विराजमान होते हैं जिसे सिर पर धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है। गायत्री परिवार का यह महायज्ञ शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में केंद्रीय टोली द्वारा गायत्री परिवार बीजापुर के संयोजन में आयोजित किया गया है।
केंद्रीय टोली में चिखलकुटी कोंडागांव दंडकारण्य प्रोजेक्ट के प्रभारी महाप्राण जी, योगेश पटेल टोली नायक, पुन्नुलाल सहायक, हरमोनियम वादक जैसिंग राजपूत, तबलावदक गणपत वैष्णव एवं सारथी शंकर नेताम के नेतृत्व में यह महायज्ञ बीजापुर में संपन्न हो रहा है। इस महायज्ञ में तीन दिवस तक प्रतिदिन 24 कुण्डीय यज्ञ होगी जिसमें पुंशवन, विद्यारंभ, नामकरण, विवाह सहित विभिन्न संस्कार निशुल्क संपन्न होंगे। कार्यक्रम स्थल पर यज्ञशाला परिसर देवात्मा हिमालय, मानसरोवर, महाकाल शिव, सजल श्रद्धा प्रखर प्रज्ञा, भारत माता के विभिन्न आकर्षक प्रदर्शनी बनाई गई है जो सबका दिल जीत रहा है। प्रतिदिन प्रसाद एवं माता भगवती भोजनालय में निशुल्क भोजन की व्यवस्था भी किया गया है। इस कार्यक्रम में बीजापुर सहित दंतेवाडा, सुकमा तथा बस्तर जिले के सैकड़ों परिजन समयदान कर रहे हैं।