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छत्तीसगढ़

साहू समाज हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहा है: भूपेश बघेल

बलौदाबाजार । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कसडोल में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के साहू समाज के निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह एवं युवक-युवती परिचय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि साहू समाज अपनी सांस्कृतिक पहचान, परंपराओं, रीति-रिवाजों को सहेजे रखने के लिए जागरुक हैं, लगातार सौहार्दपूर्ण सामाजिक आयोजन इसका बड़ा उदाहरण है। ज्ञान-विज्ञान से लेकर खेती-किसानी और राजनीति-व्यापार तक हर क्षेत्र में साहू समाज छत्तीसगढ़ का नाम रौशन कर रहा हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में जिला साहू संघ की मांग पर सामाजिक भवन के लिए 50 लाख रुपए देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने समाज की परिचय पत्रिका ‘साहू स्मारिका तथा कसडोल बिलाईगढ़ कैलेंडर का विमोचन किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का दौरा करके चार साल में हुए कामों का फीड-बैक ले रहा हूं। 50 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करने के बाद आज इस कार्यक्रम में शामिल हो रहा हूं। राज्य सरकार की योजनाओं को लेकर हर जगह बहुत बढिय़ा फीडबैक मिल रहा है, लोगों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है। बीते चार वर्षों में न केवल साहू समाज, बल्कि हर समाज के लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठा है। सैकड़ों लोगों से सीधी बातचीत कर योजनाओं के प्रभाव का स्वयं जमीनी स्तर पर मूल्यांकन किया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना जैसी योजनाओं ने गांव-गांव में उत्साह का वातावरण बनाया है। गांव-गांव में गौठान बनाकर उन्हें ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करने का परिणाम यह हुआ कि आज हमारी माताएं और बहनें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्राचीन समय में हमारे गांव उत्पादन का केंद्र हुआ करते थे और शहरों में इन उत्पादों की बिक्री हुआ करती थी, वही दौर फिर से लौट आया है। साहू समाज छत्तीसगढ़ का परंपरागत तेल-उत्पादक समाज है। उन्होंने समारोह में मौजूद लोगों से अपील करते हुए कहा कि बढ़ती हुई महंगाई और शुद्ध, जैविक तेल की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए नयी संभावनाओं का जरूर लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि परंपरागत तेल-व्यवसाय को आधुनिक तरीके से आगे बढ़ाने के लिए और इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए राज्य में तेलघानी बोर्ड का गठन पहले ही किया जा चुका है। हम अपने किसानों को केवल किसान बनाए नहीं रखना चाहते, बल्कि उन्हें उद्यमी भी बनाना चाहते हैं। जिन फसलों को वे उपजाते हैं, उनका खुद वैल्यू एडीशन करके वे ज्यादा लाभ कमा सकते हैं।

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