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छत्तीसगढ़

नगर के सभी वर्ग के लोगों ने शामिल होकर फाग उत्सव का आनंद उठाया

महासमुंद । स्थानीय भवानी दुर्गा मंदिर बरौंडा चौक में फागुन के रंग माता के संग ने बिखेरा प्रेम, सद्भाव और भाईचारा का संदेश। होली के इस रंग में सभी रंगे रहे। होलिका दहन की शाम आयोजित फाग महोत्सव में लोग नगाड़ो की थाप पर जमकर थिरके, थिरकने वालों में उम्र का कोई बंधन नहीं था. बीच-बीच में उड़ रहे गुलाल से सभी सराबोर होते रहे। इस कार्यक्रम में नगर के सभी वर्ग के लोगों ने शामिल होकर फाग उत्सव का आनंद उठाया। इसमें वे लोग भी दिखाई दिए जो आमतौर पर होलिका दहन की शाम घरों में कैद होकर रह जाते थे।मंदिर पहुंचने पर आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा गुलाल लगाकर अभिवादन किया गया। इसके बाद आगंतुक मां भवानी के पास पहुंचते गए और फूलों की पंखुड़ी अर्पण कर माता के संग होली खेली। बम्हनी, चिंगरौद, परसवानी से पहुंची फाग मंडली और सिर्री कला की रास मंडली ने खूब माहौल बनाया। मंदिर प्रांगण में आकर्षक लाइट सजा के साथ ही माता के गर्भगृह को चुनरी व फूलों से सजाया गया था। पुरोहित पंकज तिवारी व मंदिर पुजारी हेमंत द्विवेदी स्वयं मंदिर प्रांगण में उपस्थित होकर आगंतुकों को गुलाल लगाकर अभिनंदन कर रहे थे। मंदिर प्रांगण में आयोजित होने इस प्रथम आयोजन का उद्देश्य फाग परंपरा को जीवंत बनाए रखने के साथ ही होली के सात्विक प्रेम भाव को जन-जन तक पहुंचाना था। ताकि लोग घरों से बाहर निकल कर मंदिरों में होली महोत्सव का आनंद ले सकें। सिर्रीकला से जो रास मंडली आई थी उसमें की सभी कलाकार 50 वर्ष से अधिक उम्र के थे, जो झूम-झूम कर रास प्रस्तुत कर रहे थे। बम्हनी से पहुंची फाग मंडली में तो एक कलाकार तीन नगाड़ों के साथ वादन कर रहा था, तो महिला मंडल की फाग गायन कला की भी खूब तारीफ हुई। महाकाल मुक्तिधाम की दिव्य आरती और आतिशबाजी का नजारा ऐसा था कि लोग बर्बस ही आकर्षित होते रहे।

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