नए नियम से परेशान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने केंदीय्र मंत्री व राज्य के मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

बीजापुर । छत्तीसगढ़ प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के कार्यों में हो रही समस्याओं को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन सांस्कृतिक भवन इन्द्रा मार्केट मे रखा था। छग आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका जिला अध्यक्ष ने बताया कि टी. एच. आर. वितरण के विभागीय वर्तमान व्यवस्था के अनुसार नया वर्जन के अनुसार किया जाना है। जिसमें हितग्राही का आधार, मोबाईल में ओटीपी लेना है। ओटीपी लोड करने के बाद ही टीएचआर प्रदान किया जाना है इसमें कई व्यवहारिक समस्या आ रही है इस ओर हमने शासन को ध्यानाकर्षण संघ के माध्यम से इसका निराकरण शासन प्रशासन को आग्रह 1100 सौ आंगनबाड़ी के कर्मचारी 2200 लोगों ने मांग की। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं की मांगे
बिन्दु इस प्रकार-1.उक्त व्यवस्था के अनुसार हर माह एक ही आदमी टीएचआर लेने आ सकता है। घर का दुसरा सदस्य कोई सदस्य नहीं आ सकता है। 2.कई हितग्राही ओटीपी बनाने से मना करते है इससे हितग्राही कम होते।3. कुछ ऐसे भी हितग्राही है जिनके पास या तो मोबाईल नहीं होता या फिर उनके घर में एक ही मोबाईल होता है । जिसे उनके पति या बच्चे ले जाते है. ऐसी स्थिति में टीएचआर वितरण प्रभावित हो रहा है।4. कई स्थानों से सर्वर नेट समस्या रहती है मोबाईल ठीक से नही चलता जिसके कारण भी टीएचआर वितरण प्रभावित हो रहा है।5. कार्यकर्ताओं को जो मोबाईल प्रदान किया गया है। उसमे यह कार्य संभव नहीं हो पा रहा है इसके लिये कम से 5 जीबी की मोबाइल की आवश्यकता होगी।
6.हमारे बस्तर संभाग में कई जिले ऐसे हैं जहां कार्यकर्ता की मोबाइल लेकर जाने की भी मनाही है अति संवेदनशील इलाके है जहां यह संभव ही नहीं की फोटो कैप्चर का कार्य (टी एच आर हेतु हर बार सिर्फ एक ही व्यक्ति का कैप्चर और कार्यकर्ता सहायिका के डेली हाजरी और उनका फेस कैप्चर वह भी ऑनलाइन जो लागू किया जाने वाला है। 100त्न ही हमारी यह स्थिति शुरू से ही चल रही बार बार प्रशासन के संज्ञान में हमने में रखा परंतु आज तक हमे हमारे स्थानीय समस्याओं से नहीं आंका गया अपितु हमेशा शहरी क्षेत्रों के समकक्ष रख कर हमारे लिए निर्देश जारी किया जाता है जो कि विचारणीय विषय है।7.हमे हमारे क्षेत्रानुसार देखा जाए तथा कडे नियमों (कैप्चर गिनती अनुसार मानदेय) को बस्तर संभाग के लिए शिथिल किया जाए क्योंकि हमारी बहने प्रतिदिन अपने क्षेत्र अनुसार अन्य कई समस्याओं का सामना करती है शहरी क्षेत्रों में नहीं है8.पोषण ट्रेकर पर एफआरएस फोटो कैपचर से पोषाहार वितरण में भी कई परेशानी आ रही है मैदानी क्षेत्र में यह संभव नहीं है इस दिय इसका वितरण कार्य पूर्व की भांति आफ लाईन कराई जावे।9.मोबाईल रिचार्ज प्रति माह 500/- स्वीकृत किया जावे।इसी तरह से कई व्यवहारिक समस्यायें फिल्ड में आर रही है. इन समस्याओं के कारण यदि टीएचआर पौषण ट्रैकर का वितरण सही समय और सही मात्रा में नहीं हो पाने के कारण आन लाईन मानदेय कटौती की बात संघ के संज्ञान में आ रही है। हम अल्प मानसेवी है और उस से घर परिवार चलाते है उसमे भी आये दिन छोटी छोटी बात में मानदेय काटा जाना न्याय संगत नहीं है।इस संबंध में संघ का यह सुझाव है कि टीएचआर वितरण का कार्य किसी अन्य संस्था/एजेंसी अथवा जहां से सामान उठाया जाता है उसके माध्यम से हमारी सहयोग से किया जाना उचित प्रतित होता है।व्यवहारिक समस्या का शीघ्र निराकरण शासन प्रशासन से कराने की कृपा करेगे ताकि हम बिना मानदेय कटौती और अन्य किसी कार्यवाही के भय से मुक्त होकर विभागीय कार्यों का सम्पादन और अच्छे से कर सके। वही केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी महिला एवं बाल विकास विभाग भारत सरकार वा लक्ष्मी रजवाड़े मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन को कलेक्टर के माध्यम से सौंपा ज्ञापन।