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छत्तीसगढ़

धनरास राखड़ बांध से प्रभावित ग्रामीणों की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही

कोरबा। एनटीपीसी द्वारा संचालित धनरास राखड़ बांध से प्रभावित ग्रामवासियों के लिए समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। मुआवजे की राशि में अनियमितताओं और फर्जीवाड़े के आरोपों से प्रभावित गांव के लोग परेशान हैं। शिकायतों के बावजूद जांच और कार्रवाई अब तक शून्य रही है, जिससे ग्रामवासी और स्थानीय नेता भी खफा हैं।
कलेक्टर अजीत वसंत से की गई शिकायत में बताया कि ग्राम पंचायत धनरास के खाते में प्रभावित गांवों के लिए मुआवजे की राशि आती है, लेकिन वितरण में कई समस्याएं हैं। एनटीपीसी प्रबंधन ने हर महीने 3000 रुपए प्रति परिवार के हिसाब से मुआवजा देने का वादा किया था, लेकिन वास्तविक स्थिति में वितरण में अनियमितताएं हैं।
कंवर के अनुसार, ग्राम पंचायत धनरास के रिकॉर्ड में 645 परिवारों के नाम हैं, जबकि वास्तविकता में यह संख्या 447 राशन कार्डधारी परिवारों की है। इसके अलावा, कई परिवारों के नाम और बैंक खाते दो-तीन बार सूची में शामिल किए गए हैं, जिससे घोटाले के संकेत मिलते हैं। कई नए विवाहित जोड़ों का नाम भी सूची में डाला गया है, जो न तो राशन कार्डधारी हैं, और न ही उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए।
फर्जीवाड़े के आरोप: कंवर ने आरोप लगाया कि सरपंच और सचिव ने एनटीपीसी प्रबंधन के पास झूठी सूची जमा की, जिसमें कुछ व्यक्तियों का नाम और अकाउंट दो या तीन बार दर्शाया गया। साथ ही, फर्जी बैंक मोहर लगाने का भी आरोप लगाया गया है। कई नए विवाहित लोगों से मुआवजा लेने की कोशिश की गई, लेकिन उन्हें राशन कार्ड न होने के कारण मना कर दिया गया।
जांच की मांग : युवा कांग्रेस नेता ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अगर निष्पक्ष जांच की जाए तो कई अनियमितताएं सामने आएंगी। इसके बावजूद शिकायतों के बावजूद जांच नहीं हो रही और ना ही कोई कार्रवाई की जा रही है। कंवर ने धनरास राखड़ प्रभावित गांवों में हुए घोटाले की जांच की मांग की है ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सके।

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