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छत्तीसगढ़

सिंचाई विभाग की लापरवाही से आज तक नहीं हुआ नहर का काम

पाण्डुका । पाण्डुका से कोपरा की ओर जाने वाले नहर भ्रस्टाचार के भेट चढ़ गया इस नहर को बने हुए लगभग 12 से 15 साल होने को है जिसमे किसानों के लिए सिचाई के पानी मिल सके और दूसरी फसल ले सके साथ नहर से पानी दूसरी जगह ले जा सके लेकिन करोड़ो रुपयों की लागत से बने नहर की घटिया निर्माण भ्रस्टाचार की बलि चढ़ गई जो सरकड़ा, कोपरा, पाण्डुका ,नहर के साथ नालियों का टूटा फूटा आँखों से देखा जा सकता है वही निर्माण के समय पतली काली पालीथिन बिछाकर किया गया है और गिट्टी भी पूरी तरह उभरी हुई है साथ ही नहरों में नहाने के लिए सीढ़ी छोड़ी गई है जिसमे भी चिकनाहट नही दिया गया उबड़ खाबड़ नहाने योग्य नही बनाया है।जबकि सरकड़ा,व अन्य गांव के लोग बच्चे, युवा,सभी नहरों में नहाने पहुचते है। नहरों में बड़ी बड़ी घास भी उग गए है जिसे सफाई नही कराया जाता और ज्यादा समय हो गया है उसके बाद भी आज तक बड़ी मात्रा में नहर के टूटने से सिचाई विभाग के कर्मचारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा।पाण्डुका में ज्यादातर सिचाई विभाग के अधिकारी प्रभार में ही दिया जाता है पाण्डुका में दर्जनों अधिकारी बदले जा चुके है जो ज्यादातर प्रभार में ही रहे है। जो ऑफिस से घर और घर से ऑफिस तक सीमित रहे होंगे इसी के चलते आज तक टूटे हुए जगहों की मरम्मत व मेन्टेन्स का काम नही हुआ जिस पर जिले के अधिकारी को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
कूकदा से 212 खट्टी माइनर नाला में बहुत दिक्कते रायपुर से सर्वे टीम बुलाया हु। जहा समस्या है सर्वे कर रही है।अभी टोटल पाण्डुका रेगुलर पोस्टिंग में हुए।
महेश पडोरिया सिचाई विभाग एसडीओ पाण्डुका

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