अंतर्जातीय प्रोत्साहन राशि योजना में बड़ी लूट, राशि हड़पने अपनी ही पत्नी से किया दोबारा विवाह
राजिम । हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादी को पवित्र बंधन माना जाता है और एक इंसान के जीवन में एक बार सात फेरों के साथ विवाह संपन्न होता है पर गरियाबंद जिले के राजिम में स्थित संयोग आर्य समाज मंदिर में यह पवित्र रिश्ता तार तार हो गया जब इस बात का खुलासा आर टीआई से मिली जानकारी के अनुसार निकाला गया और इस पर पड़ताल किया गया तो पाया गया कि राजिम स्तिथ संयोग आर्य समाज मंदिर में जिले के लगभग 12 से 15 ऐसे शादी शुदा जोड़े हैं जिन्होंने यहाँ दोबारा विवाह किया गया है इस बारे में जब संयोग आर्य समाज मंदिर के प्रमाण पत्र में दिए गए। नंबर के आधार पर संपर्क किया गया तो उनमें से एक नंबर लता जोशी का था उनसे जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमारे पास बालिक होने के प्रमाण पत्र वा नोटरी प्रमाण पत्र लेकर आते है और हम बालिक होने पर उनका विवाह कर देते हैं। हमें क्या पता कौन विवाहित है और कौन अविवाहित है। कोई भी आर्य समाज मंदिर में इस तरह विवाहित होने का इंक्वारी नहीं किया जाता केवल बालिक होने के प्रमाण पत्र के आधार पर हम लोग विवाह कर देते हैं ऐसे में क्या अंतर जाति विवाह प्रोत्साहन राशि की इस योजना की हड़पने की नीयत से इस तरह विवाहित जोड़ों ने फिर आर्य समाज में विवाह किया और इस प्रमाण पत्र के आधार पर इसको ढाई, ढाई लाख रुपए का प्रोत्साहन राशि मिला है । जबकि ये लोग पहले से शादीशुदा थे और सभी के दो से तीन बड़े-बड़े बच्चे हैं।कुछ तो ऐसे हैं जिनके 15 से 18 साल तक के बच्चे हैं जो दसवीं से 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं ऐसे में यह अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन राशि योजना की लाखो रुपया हड़पने के लिए संयोग आर्य समाज मंदिर में गलत जानकारी देकर शादी किए या फिर ये सब जानबूझकर मिलीभगत से फर्जीवाड़ा किया गया है। कही मोटी रकम लेकर प्रमाण पत्र देने का यह गोरख धंधा तो नही वही इस बारे में आर टी आई कार्यकर्ता अब उच्च अधिकारी और कार्यालयों मे इस फर्जीवाड़े की शिकायत की तैयारी शुरू कर दी है।बहुत जल्द फर्जी शादी शुदा जोड़े का नाम सहित मुख्य भूमिका निभाने वाले दलाल और कर्मचारी को बे नकाब किया जाएगा ताकि सरकार की लाखो रूपया की वसूली की जा सके और दोषी सलाखों के पीछे खड़े हो।