छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने सुदूर गांवों में जल जीवन मिशन योजनाओं की समीक्षा की

कवर्धा । कबीरधाम जिले के विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति अथवा आदिवासी बाहूल बोडला और पंडरिया विकासखण्ड के सूदूर एवं दुर्गम पहाडिय़ों में बसे बैगा बसाहवट ग्रामों व गावों में पेयजल व्यवस्था की आपूर्ति बनाए जाएंगे। ऐसे ग्रामों में जहां नलकूप खनन हुए है, और ग्रीष्मकालीन में पर्याप्त जल आवक की क्षमता नहीं है ग्रामों में जल आपूर्ति बनाए रखने के लिए डगवेल खनन कर पेयजल की व्यवस्था की जाएगी।
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने जल जीवन मिशन एवं ग्रीष्मकालीन पेजजल समस्याआ से निपटने के लिए लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के काम-काज की समीक्षा की। कलेक्टर ने ग्रीष्मकालिन पेयजल संकट की समस्या के प्रभावी निदान के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य मद से अंतर्गत मिलने वाले नलकूल खनन लक्ष्यों को चिन्हांकित पेजजल संकट ग्रामों में नलकूप खनन के लिए त्वरित कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। यहा बताया गया कि चालू वित्तीय वर्ष में 100 नलकूल खनन का लक्ष्य मिला है।कलेक्टर श्री महोबे ने बैठक में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन, जीवन मिशन के कार्या की समीक्षा की। कलेक्टर ने जल जीवन मिशन के प्रगतिरत कार्यो,पूर्ण कार्यों एवं स्वीकृत कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि योजना के तहत प्रत्येक घरों में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुचाना है। ऐसे ग्राम पंचायत यहां जल जीवन मिशन के कार्य पूर्ण हो गए है, लेकिन वहां प्रत्येक घरों में पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है,ऐसे नल कनेक्शनों को पुन: ठीक करें। घरों में पानी पहुंचने पर ही संबंधित एंजेसियों को राशि का भूगतान सुनिश्चित करें। समीक्षा बैठक में यह बात भी सामने आई की ग्रामों में विभिन्न प्रकृति जैसे स्त्रेत के लिए नलकूल, उच्चस्तरीय जलागार, के लिए स्थल, पाईप लाईन बिछाने के लिए अतिक्रमण भूमि, अन्य स्थानीय प्रकरण विवाद होने के कारण योजना के प्रगति प्रभावित हो रही है। कलेक्टर ने ऐसे प्रभावित ग्रामों की समस्या शीघ्र दूर करने के लिए सबंधित एसडीएम को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। कलेक्टर ने जिला जल स्वच्छता मिशन के कार्यों की समीक्षा कर जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में पेयजल की समस्या का त्वरित निदान के लिए अधिकारियों का आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। उन्होने जिले के स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों में रनिंग वाटर के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराए गए कार्यो की समयावधि में भौतिक सत्यापन करने के लिए अधिकारी को आवश्क निर्देश दिए है। कलेक्टर ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत पाइप लाईन के साथ ही उच्च स्तरीय पानी ठंकी निर्माण कार्य भी साथ ही साथ कराने के निर्देश दिए है।बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी कार्यपालन अभियंता श्री जीपी गौड़ ने बताया कि विभाग अंतर्गत कुल तीन उपखंड है। जिले में कुल 10873 क्रियाशील हैंडपंप है। ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 231 ग्रामीण नल जल प्रदाय योजना होने की जानकारी दी गई। 818 सिंगल फेस पावर पंप योजना 294 सोलर पंप योजना होने की जानकारी दी गई। वित्तीय वर्ष 2022-23 में नलकूप खनन के 130 का लक्ष्य मिला था, जिसमें से 128 नलकूप खनन का कार्य किया जा चुका है। पेयजल समस्या के संभावित ग्राम एवं बसाहट में मुख्य बस्ती या बसाहटों में संचालित हैंड पंप, पावर पंप या नल जल योजना द्वारा पेयजल उपलब्ध होने की जानकारी विभाग द्वारा दिया गया। बंद हैंडपंप के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि शिकायत प्राप्त होने के 48 घंटे के अंदर सुधार के लिए कार्यवाही की जा रही है इसके लिए हैंडपंप संधारण मोबाइल यूनिट का प्रभावी रूप से संचालन हो रहा है। प्रत्येक उपखंड में एक मोबाइल यूनिट कार्यरत होने की जानकारी दी गई तथा इस संबंध में राज्य स्तरीय टोल फ्री नंबर 1800-233008 के संबंध में जानकारी दी गई।जल जीवन मिशन के संबंध में चर्चा करते हुए बताया गया कि जिले के 959 ग्रामों में से 957 ग्रामों में कार्य स्वीकृत कर दिया गया है। 718 ग्रामों में कार्यआदेश जारी किया गया है तथा 53 ग्रामों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जिले में 173 ग्रामों में जल प्रदाय प्रांरभ हो गया है।कार्यपालन अभियंता लोकतंत्र स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने बताया की जिले में कुल 195335 घरेलू नल कनेक्शन करने का लक्ष्य है। इसमें से 98754 पूर्ण कर लिया गया है, जोकि लक्ष्य का 50 प्रतिशत है। जिले में 661 ग्रामों में कार्य प्रगति पर है। हर घर जल ग्राम के अंतर्गत 53 ग्रामो में योजना पूर्ण रूप से संचालित है साथ ही 174 ग्रामों में पूर्ण एवं आंशिक जल प्रदाय हो रहा है।

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